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17 साल बाद भी नहीं बन सकी झारखंड में BRP और CRP की सेवा शर्त नियमावली, पारा शिक्षकों से भी कम है वेतन

बगोदर विधायक ने सदन में भी इस मामले को उठाया था, लेकिन कई बार कैबिनेट की बैठक होने के बाद भी इस पर निर्णय नहीं लिया जा सका. ऐसे में राज्य के 2700 बीआरपी-सीआरपी मायूस हैं.

रांची : समग्र शिक्षा अभियान के तहत राज्य भर में कार्यरत ब्लॉक रिसोर्स पर्सन (बीआरपी) और क्लस्टर रिसोर्स पर्सन (सीआरपी) के लिए 17 साल बाद भी सेवा शर्त नियमावली नहीं बन सकी है. पूर्व शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के पदाधिकारियों को पारा शिक्षकों की तरह ही बीआरपी व सीआरपी के लिए सेवा शर्त नियमावली बनाने का निर्देश दिया था. मानदेय वृद्धि व स्थायीकरण के लिए दूसरे राज्यों में लागू नियमावली का अध्ययन कर कार्रवाई करने को कहा गया था. लेकिन, जगरनाथ महतो के निधन के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया.

बगोदर विधायक ने सदन में भी इस मामले को उठाया था, लेकिन कई बार कैबिनेट की बैठक होने के बाद भी इस पर निर्णय नहीं लिया जा सका. ऐसे में राज्य के 2700 बीआरपी-सीआरपी मायूस हैं. उन्हें इस बात का मलाल है कि सहायक अध्यापकों से ज्यादा योग्यता रखने और उनसे ज्यादा जिम्मेदारी संभालने के बावजूद उन्हें कम वेतन पर काम करना पड़ रहा है.

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कई अहम जिम्मेदारी : सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता और अन्य व्यवस्थाओं पर नजर रखने के लिए बीआरपी और सीआरपी की तैनाती की गयी है. स्कूली कार्यों में 1-12 की मॉनिटरिंग, इवैल्यूएशन, यू डाइस, डाटा वर्क, बजट, इलेक्शन ड्यूटी, इवीएम सिलिंग, जनगणना, टीचर्स ट्रेनिंग, पारा टीचर को सहयोग आदि जिम्मेदारी इन पर है.

पारा शिक्षकों से भी कम मिलता है वेतन

बीआरपी-सीआरपी को पारा शिक्षकों से कम वेतन मिलता है. राज्य में वर्ष 2005 में 150 और 100 रुपये में दैनिक वेतन भोगी के तौर पर नियुक्त बीआरपी-सीआरपी के मामले में साल 2011 में पहली बार दैनिक की जगह मासिक मानदेय फिक्स किया गया था. इसके आधार पर प्रशिक्षित बीआरपी को 10,500 और अप्रशिक्षित बीआरपी को 9,500 रुपये दिये जाने लगे. वहीं, सीआरपी को 9500 और 9000 रुपये दिये जाने लगे. 2019 में मानदेय बढ़कर स्नातक पास बीआरपी को 17,500 और पीजी सीआरपी को 16,500 रुपये दिये जाने लगे. इसके अलावा 1000 से 1200 भत्ता मिलता है. जबकि, इनके समय में ही नियुक्त परियोजना कर्मियों का वेतन करीब दो से तीन गुना ज्यादा है.

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