पश्चिम बंगाल में लाखों लोगों ने शनिवार को महालया के मौके पर ‘तर्पण’ किया. महालया बंगाल में दुर्गा पूजा के नजदीक आने का प्रतीक होता है. इस विशेष दिन लोग हुगली और राज्य की अन्य नदियों एवं जलाशयों के तटों पर पहुंचे और अपने पूर्वजों के लिए तर्पण किया. दिन की शुरुआत आकाशवाणी पर सुबह में महिषासुर मर्दिनी (देवी दुर्गा को समर्पित श्लोकों और गीतों के संग्रह) के प्रसारण से हुई. महिषासुर मर्दिनी का पहली बार सीधा प्रसारण 1930 के दशक की शुरुआत में आकाशवाणी पर किया गया था. तब से इसका प्रसारण महालय की सुबह करने का चलन बन गया है.
अधिकारियों ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस ने हुगली के विभिन्न घाटों पर कड़ी निगरानी रखी. कोलकाता के जिन 18 घाटों पर श्रद्धालु तर्पण कर रहे हैं, वहां सुरक्षा के पर्याप्त उपाय किए गए हैं. महालय के मौके पर कांग्रेस ने भी शुभकामनाएं दी. कांग्रेस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “मां दुर्गा आप सभी को शांति और समृद्धि का आशार्वाद दें और हमारे जीवन में प्रेम और सद्भाव आए. राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आज सुबह पूर्वी मेदिनीपुर जिले स्थित अपने गृहनगर कांथी में एक शोभायात्रा का नेतृत्व किया.
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तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने ‘एक्स’ पर लिखा, महालया के शुभ अवसर पर मैं सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं. यह दिन आशा, शक्ति और सद्भाव लेकर आए. ऐसे में जब हम दुर्गा पूजा की तैयारी कर रहे हैं, हम सभी को एकता और उत्सव की भावना के साथ एकसाथ आना चाहिए. पितृपक्ष के अंतिम दिन परिवार के बुजुर्गों ने तर्पण करके अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि दी. दुर्गा पूजा की शुरुआत 20 अक्टूबर यानी षष्ठी से होगी और इसका समापन 24 अक्टूबर यानी दशमी को होगा.
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