कानपुर. रोबोट से खेती करने के बाद चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (CSA) और आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ ड्रोन से मिट्टी की जांच, फसलों की रखवाली और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करने की तैयारी में है. यह एक ही समय में कई हेक्टेयर क्षेत्र की रखवाली कर सकेगा. प्रोजेक्ट को लेकर जल्द ही आईआईटी और सीएसए के बीच करार हो सकता है. आईआईटी के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर ने विश्वविद्यालय परिसर और फार्म हाउस का निरीक्षण किया है.
आईआईटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर विशाख भट्टाचार्य और सीएसए के प्रोफेसर एसके विश्वास की टीम ने ऐसा रोबोट बनाया है, जो कि खेतों की पूरी तरह से रखवाली कर सकता है. यह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग तकनीक से लैस है. इसमें लगे सेंसर और कैमरे किसी भी तरह के रोग और दुश्मन कीटों को देखकर उनकी रिपोर्ट सीधे सर्वर पर भेज सकते हैं. साथ ही मिट्टी और पानी के सैंपल लेने की सुविधा है. रोबोट का कानपुर और आसपास के जिलों के गांव में ट्रायल जारी है.
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दोनों संस्थानों के विशेषज्ञ कृषि में तकनीक विकसित करने के साथ ही शोध कार्य करने जा रहे हैं. यह ड्रोन की मदद से पानी और कीटनाशक दवाओं के छिड़काव पर कार्य करेंगे. कुलपति डॉक्टर आनंद कुमार सिंह के मुताबिक एमओयू के बाद खेतों में बीज, पानी और कीटनाशकों का छिड़काव कराया जाएगा. ड्रोन में लगने वाले सेंसर कुछ इस तरह से विकसित किए जाएंगे, जिससे उन्हें मिट्टी और पौधों को पोषक तत्वों का पता चल जाएगा. उसी के अनुरूप ड्रोन उनके ऊपर माइक्रो न्यूट्रियंट्स और कीटनाशकों व पानी का छिड़काव कर सकेगा.
सीएसए के अधिकारियों के मुताबिक ड्रोन की मदद से किसानों को बीज उपलब्ध कराने की प्लानिंग है. यह अब तक कहीं नहीं हुआ है. विशेषज्ञ किसान के मोबाइल की जीपीएस लोकेशन को ट्रैक कर उसके पास बीज की डिलीवरी कर देगें. अगर उनके खेतों में कोई समस्या है या फिर मिट्टी व पौधों का सैंपल लेना है तो वह भी ड्रोन से लिया जा सकेगा.