रांची, लता रानी: आज से शारदीय नवरात्र का शुभारंभ हो रहा है. नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की आराधना होगी. इस दौरान हर दिन एक ऐसी महिला शक्ति की कहानी होगी, जो समाज के लिए प्रेरणादायी हैं. मुश्किल परिस्थितियों में भी हिम्मत नहीं हारीं. इसके साथ ही दूसरों की मदद के लिए भी हमेशा तत्पर रहती हैं.
मैकेनिकल इंजीनियर हैं सारिका राय
सारिका राय. रांची रेलवे डिवीजन में मैकेनिकल इंजीनियर हैं. इस मुकाम तक पहुंचने में उन्हें काफी संघर्ष से गुजरना पड़ा. आज महिलाओं के हक-अधिकार के लिए लड़ाई लड़ रही हैं. रेलवे यूनियन की महिला शाखा की जोनल सचिव हैं. पूरे जोन की महिला रेलवे कर्मियों की समस्याओं को लेकर आवाज उठाती हैं. पूरे जोन में महिला उत्पीड़न से जुड़े जो भी मामले आते हैं, उसके वेलफेयर के लिए काम करती हैं. वर्तमान में साउथ इस्टर्न रेलवे के रांची डिविजन की करीब 700 महिला रेल कर्मियों की अगुवाई कर रही हैं. सारिका राय विशाखा कमेटी की सदस्य भी हैं.
पति के निधन के बाद रेलवे प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी की
वह कहती हैं कि इससे पहले वर्ष 2012 में एक सड़क दुर्घटना में पति की मौत हो गयी. अचानक लगा सबकुछ खत्म हो गया. दो बच्चों की जिम्मेदारी भी थी. फिर भी हिम्मत नहीं हारी. इस दौरान कठिन मेहनत करनी पड़ी. इंटरमीडिएट स्तर पर रेलवे की परीक्षा दी और सफल रही. अपने पैरों पर खड़ी हुई. साथ ही दूसरी महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया. मां दुर्गा की भक्त सारिका रांची वीमेंस कॉलेज की छात्रा रही हैं. वह कहती हैं कि 2013 से रांची रेलवे में सेवा दे रही हूं. पैसेंजर की सुरक्षा मेरे जिम्मे है. इसके लिए जब भी ट्रेन में गड़बड़ी होती है, उसे दुरुस्त करने के लिए हमेशा तत्पर रहती हूं.