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कोल इंडिया में ए-1 पद खत्म करने का प्रस्ताव, कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने का प्रयास कर रहा है प्रबंधन

कोल इंडिया ने मजदूर यूनियनों से इस विवाद को दूर करने में सहयोग मांगा है. इसके लिए ए-1 पद को समाप्त करने का प्रस्ताव भी दिया है. इस पर मजदूर यूनियनों ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है.

रांची, मनोज सिंह : कोल इंडिया में अधिकारी और कर्मचारियों के वेतन विसंगति को दूर करने का प्रयास प्रबंधन कर रहा है. यह मामला अदालत में चला गया है. इसको लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है. कोल इंडिया ने मजदूर यूनियनों से इस विवाद को दूर करने में सहयोग मांगा है. इसके लिए ए-1 पद को समाप्त करने का प्रस्ताव भी दिया है. इस पर मजदूर यूनियनों ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है. सभी मजदूर यूनियनों ने आश्वासन दिया है कि इस मामले पर पहले अपने-अपने संगठन में बात करेंगे. मजदूरों का मूड समझने की कोशिश करेंगे, फिर बात हो सकती है.

कोल इंडिया के ए-1 रैंक के कर्मचारियों का वेतनमान अधिकारियों के शुरुआती पद (इ-1) से अधिक हो जाता है. डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज (डीपीइ) की गाइडलाइन है कि अधिकारियों का वेतन कर्मचारियों से कम नहीं होनी चाहिए. इ-1 का बेसिक 40 हजार रुपये है : कोल इंडिया में अधिकारियों का बहाली इ-1 रैंक में होती है. इस दौरान इनका बेसिक 40 हजार रुपये होता है. एक साल के प्रशिक्षण के बाद इनको इ-2 रैंक में कर दिया जाता है. इस दौरान इनका बेसिक 50 हजार रुपये हो जाता है. इस राशि पर इनको महंगाई भत्ता व अन्य सुविधा मिलता है. वहीं ए-1 रैंक में कर्मचारियों का पे स्केल 71 हजार रुपये है. ए-1 रैंक कर्मचारियों के प्रमोशन का अंतिम पायदान है. इस पद पर सेवानिवृत्त होने के करीब वाले कर्मी ही रहते हैं. इस कारण कर्मचारियों का तर्क है कि हम लोगों की सेवा का 30-35 साल हो जाने के बाद यह पद मिलता है. इस कारण इ-1 से ए-1 रैंक का तुलना गलत है.

2026 में फिर होगा वेतन समझौता, अधिकारियों का 2027 में

कोयला कर्मचारियों का 12वां वेतन समझौता भी 2026 में बकाया हो जायेगा. इसमें फिर वेतन वृद्धि होगी. इससे अधिकारी और कर्मचारियों का अंतर बहुत अधिक हो जायेगा. कोयला उद्योग में कर्मचारियों का वेतन समझौता पांच साल का होता है. वहीं, अधिकारियों का वेतन समझौता 2027 में होगा. अधिकारियों का पिछला वेतन समझौता 2017 में हुआ था. अधिकारियों का वेतन समझौता 10 साल का होता है.

दुर्गा पूजा के बाद जोर पकड़ेगा मामला

दुर्गा पूजा के बाद वेतन विसंगति का मामला जोर पकड़ेगा. अदालत में भी इस मामले में सुनवाई होगी. अदालत के निर्णय के आलोक में प्रबंधन आगे का रास्ता तय करेगा. कर्मचारियों से कम वेतन हो जाने से अधिकारियों में नाराजगी है. जबलपुर हाइकोर्ट में 29 अधिकारियों ने इसके विरोध में याचिका दायर कर दी है. उनका कहना है कि कोयला कर्मियों के वेतन समझौते से अधिकारी और कर्मचारियों के वेतन में काफी अंतर हो गया है.

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क्या कहते हैं मजदूर नेता

प्रबंधन ने ऐसा प्रस्ताव दिया है. हम लोग इस पर सहमत नहीं है. हमारी यूनियन चाहती है कि अभी जो व्यवस्था है, उसी को जारी रखा जाये.

– नाथूलाल पांडेय, जेबीसीसीआइ सदस्य, एचएमएस

प्रबंधन का ऐसा प्रस्ताव है. इस पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है. हमारी यूनियन आपस में बैठकर इस मुद्दे पर बात करेगी. उसके बाद ही कोई बात हो सकती है.

– लखनलाल महतो, जेबीसीसीआइ सदस्य, एटक

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