7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों को त्योहारी सीजन में केंद्र सरकार के द्वारा बड़ा तोहफा देने की तैयारी की जा रहा है. पेंशनधारी और कर्मचारियों के महंगाई भत्ता (DA Hike) और एरियर मिलने का इंतजार खत्म होने वाला है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कर्मचारियों को दुर्गा पूजा से दीवाली के बीच डीए देने की घोषणा की जा सकती है. सूत्रों के अनुसार, कर्मचारियों के वेतन में जबरदस्त हाईक की उम्मीद की जा रही है. जुलाई में AICPI इंडेक्स के नंबर्स में 3.3 अंक का बड़ा उछाल आया था. इसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि सरकार कर्मचारियों को 3 प्रतिशत का महंगाई भत्ता दे सकती है. मगर अब AICPI इंडेक्स बढ़कर चार प्रतिशत पर पहुंच गया है. ऐसे में समझा जा रहा है कि कर्मचारियों को चार प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा सकता है. बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता कर्मचारियों और पेशनर्स को 01 जुलाई 2023 से प्राप्त होगा. इसका अर्थ है कि कर्मचारियों और पेशनर्स को तीन महीने का एरियर भी मिलने वाला है. केंद्र सरकार के इस फैसले से 47.58 लाख केंद्रीय कर्मचारी और लगभग 69.76 लाख पेंशनर्स को सीधे-सीधे फायदा होने वाला है. हालांकि, केंद्र सरकार के द्वारा महंगाई भत्ता को लेकर कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है.
कितना बढ़ने वाली है सैलरी
केंद्र सरकार के द्वारा वर्तमान में 42 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है. ऐसे में अगर डीए में चार प्रतिशत की वृद्धि की जाती है तो ये बढ़कर 46 प्रतिशत हो जाएगा. इसका अर्थ है कि अगर आपकी बेसिक सैलरी 30 हजार रुपये है तो आपको वर्तमान में 42 प्रतिशत महंगाई भत्ता के हिसाब से डीए 12,600 रुपये मिलता है. अगर सरकार इसके चार प्रतिशत बढ़ा देती है तो डीए 46 प्रतिशत हो जाएगा. इसके बाद, आपके 30 हजार बेसिक सैलरी पर 13,800 रुपये महंगाई भत्ता मिलेगा. यानी आपके सैलरी में महीने में 1200 रुपये का इजाफा होगा.
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कैसे तय होता है कर्मचारियों का डीए
केंद्रीय कर्मचारियों का डीए तय करने के लिए महंगाई दर (Inflation Rate) को देखा जाता है. महंगाई जितनी होती है. उतनी ही केंद्रीय कर्मचारियों के डीए की बढ़ोतरी होने की उम्मीद की जाती है. साल में दो बाद कर्मचारियों का महंगाई भत्ता तय किया जाता है. एक बार एक जनवरी को दूसरी बार एक जुलाई को. सीपीआई-आईडब्ल्यू के आंकड़ों के आधार पर डीए का मानक बनाया जाता है. इसके अलावा इसकी गणना के लिए इन्हें देखा जाता है.
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महंगाई भत्ता समिति (MPC): महंगाई भत्ता को तय करने के लिए एक समिति या कमीशन बनाया जाता है जिसे ‘महंगाई भत्ता समिति’ या ‘महंगाई भत्ता कमीशन’ कहते हैं. इस समिति का उद्देश्य बाजार में महंगाई दरों को निर्धारित करना होता है.
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महंगाई सूची: महंगाई भत्ता समिति या कमीशन द्वारा एक महंगाई सूची तैयार की जाती है. इस सूची में विभिन्न वस्त्रों, खाद्य आदि की महंगाई के मानों को निर्धारित किया जाता है.
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महंगाई दरों की समीक्षा: महंगाई भत्ता समिति नियमित अंतराल पर देशभर में बाजार महसूस करती है और महंगाई दरों को समीक्षा करती है.
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सिफारिश और सुझाव: समिति अधिवेशनों और विभिन्न स्तरों पर विभागों, व्यापारियों, और अन्य संगठनों से सुझाव और सिफारिशें सुनती है.
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महंगाई दरों का अनुसरण: आधारित विभिन्न प्राप्तियों को देखते हुए, समिति महंगाई भत्ता के मानों को अनुकूलित कर सकती है.
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सरकारी अनुमोदन और प्रकाशन: समिति द्वारा सुझावित महंगाई भत्ता को सरकार द्वारा अनुमोदित करने के बाद इसे सार्वजनिक कर दिया जाता है.
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व्यापारियों और उपभोक्ताओं को नयी महंगाई भत्ता के अनुसार वस्त्र और सेवाओं की मूल्य निर्धारित करने में मदद मिलती है.
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क्या होता है महंगाई भत्ता
महंगाई भत्ता (Dearness Allowance, DA) एक भत्ता है जो कर्मचारियों और पेंशनरों को उनके मूल वेतन के ऊपर भुगतान किया जाता है. यह भत्ता मूल्य जीवन में महंगाई दर के बदलने के अनुसार नियमित अंतरालों पर बदलता है. महंगाई भत्ता भारतीय सरकार द्वारा अनुसूचित श्रमिकों, सरकारी कर्मचारियों, पेंशनरों, और केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन में लागू किया जाता है. यह भत्ता समय-समय पर सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है और एक स्थिर भत्ते के रूप में नहीं, बल्कि महंगाई दर के आधार पर प्रतिशत से बदलता है. जब महंगाई बढ़ती है, तो महंगाई भत्ता भी बढ़ जाता है, जिससे कर्मचारियों को उचित वेतन का लाभ मिलता है. महंगाई भत्ता का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों और पेंशनरों की कमाई को महंगाई दरों के साथ अद्यतित रखना है ताकि उन्हें अनुशासित जीवन जीने में सहायता मिले और जीवन की बढ़ती हुई लागतों को संतुलित कर सकें. महंगाई भत्ता भारत में सरकारी सेक्टर में रहने वाले कर्मचारियों के लिए एक आवश्यक वेतन भत्ता है जो उनके आर्थिक संबलता में मदद करता है.
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