तमिलनाडू के रामेश्वरम में जन्में कलाम बचपन में पायलट बनना चाहते थे लेकिन कुछ कारणों से ऐसा नहीं हुआ लेकिन उस समय किसी को कहां पता था कि डॉ . अब्दुल कलाम का नाम भारतीय इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा. 15 अक्टूबर को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की याद में विश्व छात्र दिवस मनाया जाता है.
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था. डॉ. कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था. 15 अक्तूबर 2010 को संयुक्त राष्ट्र ने हर वर्ष 15 अक्तूबर को एपीजे अब्दुल कलाम के जन्मदिवस को विश्व छात्र दिवस के रूप में मानने की घोषणा की.
सपने वो नहीं है जो आप नींद में देखे, सपने वो हैं जो आपको नींद ही नहीं आने दें.
सपने हमारे तभी तभी सच हो सकते हैं जब सपनों को पूरा करने के लिए अपनी नींद तक का त्याग कर दें.
जो लोग जिम्मेदार, सरल, ईमानदार और मेहनती होते हैं, उन्हें ईश्वर की ओर से विशेष सम्मान मिलता है. क्योंकि वे इस धरती पर उसकी श्रेष्ठ रचना हैं.
किसी के जीवन में उजाला लाओ.
आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते, लेकिन अपनी आदतें बदल सकते हैं और निश्चित रूप से आपकी आदतें आपका भविष्य बदल देंगी.
एक छात्र का सबसे महत्त्वपूर्ण गुण यह है कि वह हमेशा अपने अध्यापक से सवाल पूछे.
दूसरों का आशीर्वाद लो, माता-पिता की हमेशा सेवा करो, बड़ो तथा शिक्षकों का आदर करो, और अपने देश से प्रेम करो, इनके बिना जीवन व्यर्थ है.
दान करना या देना सबसे उच्च एवं श्रेष्ठ गुण है, लेकिन उसे पूर्णता देने के लिए उसके साथ क्षमा भी होनी चाहिए.
जीवन में कम से कम दो गरीब बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनकी शिक्षा में मदद करो.
हमेशा सरलता और परिश्रम का मार्ग अपनाओ, जो सफलता का एक मात्र रास्ता है.
प्रकृति से सीखो और लोगों को इस बारे में बताओं, प्रकृति में सब कुछ छिपा है.
हमें मुस्कराहट का परिधान पहनना चाहिए तथा उसे सुरक्षित रखने के लिए हमारी आत्मा को गुणों का परिधान पहनाना जरूरी है.
समय, धैर्य और प्रकृति, सभी प्रकार की मुश्किलों को दूर करने और सभी प्रकार के जख्मों को भरने वाले बेहतर चिकित्सक होते हैं.
अपने जीवन में उच्चतम एवं श्रेष्ठ लक्ष्य रखो और उसे ही प्राप्त करो
प्रत्येक क्षण रचनात्मकता का क्षण है, उसे व्यर्थ मत गवाओ.
इंतजार करने वाले को उतना ही मिलता है, जितना कि कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं.कुछ चीजों को हम बदल नहीं सकते हैं, इसलिए उनको उस रुप में ही स्वीकार करना उचित होता है.
एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे. उन्होंने अपने जीवन में राष्ट्रपति होने के अलावा शिक्षक, वैज्ञानिक और लेखक की भूमिका भी निभाई थी. आज भी अब्दुल कलाम भारत के सबसे चहेते राष्ट्रपति माने जाते हैं.
भारत को परमाणु संपन्न देश बनाने में भी एपीजे अब्दुल कलाम की भूमिका अहम थी. भारत के एकमात्र वैज्ञानिक राष्ट्रपति थे एपीजे अब्दुल कलाम. इसके अलावा एपीजे अब्दुल कलाम भारत के तीसरे ऐसे राष्ट्रपति थे जिन्होंने राष्ट्रपति बनने से पहले ही भारत रत्न प्राप्त किया था.
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