KK Pathak News: बिहार में शिक्षा विभाग लगातार सुर्खियों में है. इसकी बड़ी वजह बने हैं आइएएस अधिकारी के के पाठक (KK Pathak) जिन्हें शिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है. के के पाठक एक के बाद एक करके नए-नए फैसले ले रहे हैं और शिक्षा विभाग व शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रयासरत हैं. के के पाठक ने जब से अपर मुख्य सचिव का पद संभाला है तब से विभाग में कई बदलाव किए जा चुके हैं. स्कूलों व शिक्षा विभाग का हाल देखने खुद के के पाठक औचक निरीक्षण पर जिलों का दौरा कर रहे हैं. के के पाठक को लेकर एकतरफ जहां खौफ भी देखा जाता है तो दूसरी तरफ कई ऐसे बदलाव उन्होंने किए जिसकी सराहना भी की जा रही है. अब एक और बड़ा बदलाव शिक्षा विभाग की ओर से किया जा रहा है. इस बदलाव की सहमति खुद के के पाठक ने दी है और अब अफसरों को इस ओर काम पर लगा दिया है. बता दें कि बिहार में यह पहली बार होगा जब किसी विभाग ने अपने लिए यह फैसला लिया हो.
दरअसल, बिहार का शिक्षा विभाग अब राष्ट्रीय सूचना केंद्र (NIC) की तर्ज पर खुद अपनी एजेंसी का गठन करने जा रहा है. जिससे अब विभागीय संचिकाओं और उनसे जुड़े काम पर प्रभाव नहीं पड़ेगा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा विभाग के स्तर से इसपर सैद्धांतिक सहमति भी बन चुकी है. बताया जा रहा है कि हाल में ही एक समीक्षा बैठक में खुद के के पाठक ने इसपर अपनी सहमति दे दी है. समीक्षा बैठक में जब उन्होंने पाया कि शिक्षा विभाग की काफी फाइलें एनआइसी में पेंडिंग हैं और इससे विभाग के कामकाज पर प्रभाव पड़ रहा है तो उन्होंने बड़ा फैसला लिया. शिक्षा विभाग अब एनआइसी से अलग अपना खुद का पोर्टल तैयार करेगा. विभागीय डेटा और फाइल को सुरक्षित रखने के लिए शिक्षा विभाग का डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार हो रहा है. सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है. बिहार में शिक्षा विभाग ही पहली बार ऐसा कदम उठा रहा है. के के पाठक ने इसे लेकर विभागीय अफसरों को काम पर लगा दिया है.
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गौरतलब है कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए विभाग की ओर से कई अहम फैसले लिए जा रहे हैं. के के पाठक के आदेश पर विभाग का कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित किया जा चुका है जहां से रोजाना बड़ी संख्या में जिलों से आ रही शिकायतों का निपटारा हो रहा है. हर जिले में एक कॉल सेंटर है जो अपने जिले की शिकायतों को सुनता है और मुख्यालय को भेजता है. वहीं के के पाठक ने स्कूलों में बच्चों के लिए फर्नीचर खरीदने के आदेश जारी किए हैं. अपर मुख्य सचिव का साफ आदेश है कि सर्दियों में बच्चे फर्श पर बैठकर पढ़ाई नहीं करेंगे. इसके लिए सभी डीएम को पत्र लिखकर आग्रह किया गया है कि माध्यमिक स्कूलों में जो करोड़ों की राशि जमा है उनके पोषक क्षेत्रों के दायरे में आने वाले नजदीकी प्रारंभिक स्कूलों में बच्चों को बैठने के लिए जरूरी फर्नीचर की खरीद की जाए.
के के पाठक ने सभी डीएम को बताया है कि राज्य के माध्यमिक स्कूलों में 1000 करोड़ से अधिक की राशि पड़ी हुई है. बच्चे मजबूरन जमीन पर बैठकर पढ़ रहे हैं. के के पाठक अब सार्वजनिक पुस्तकालयों की भी स्थिति सही करने के काम में लगेंगे. उन्होंने सार्वजनिक लाइब्रेरी के अध्यक्ष व सचिवों के साथ पुस्तकालयाध्यक्षों के साथ भी मीटिंग तय कर ली है. 23 अक्टूबर को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए यह समीक्षा बैठक होगी. बता दें कि के के पाठक ने जिलों का दौरा किया तो स्कूलों में कई खामियां भी पाई हैं, जिसे लेकर वहीं पर प्रधानाध्यापक और विभागीय अफसरों को निर्देश देते हैं.