Share Market: भारतीय शेयर बाजार के लिए पिछला सप्ताह उतार उठा-पटक से भरा रहा. इजरायल-हमास युद्ध से सप्ताह के पहले दिन बाजार प्रभावित होने के बाद, मंगलवार को संकट से बाहर आ गया. इसके बाद भी कच्चे तेल की कीमत और अमेरिकी बॉन्ड में वृद्धि समेत कई कारणों से बाजार में अनिश्चिता देखने को मिली. इस बीच, सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से छह कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह 70,527.11 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई. सबसे अधिक लाभ में रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. (RIL) रही. समीक्षाधीन सप्ताह में जहां हिंदुस्तान यूनिलीवर, भारती एयरटेल, आईटीसी, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक के बाजार पूंजीकरण में वृद्धि हुई, वहीं इन्फोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) तथा बजाज फाइनेंस की बाजार हैसियत घट गई. बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 287.11 अंक या 0.43 प्रतिशत के लाभ में रहा. सप्ताह के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार मूल्यांकन 22,191.43 करोड़ रुपये बढ़कर 15,90,408.31 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. हिंदुस्तान यूनिलीवर की बाजार हैसियत 17,222.5 करोड़ रुपये के उछाल के साथ 6,04,326.62 करोड़ रुपये रही.
एयरटेल-आईटीसी का बढ़ा मार्केट कैप
भारती एयरटेल का बाजार पूंजीकरण 16,953.01 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 5,36,035.96 करोड़ रुपये तथा आईटीसी का 7,607.26 करोड़ रुपये के उछाल के साथ 5,59,071.10 करोड़ रुपये रहा. आईसीआईसीआई बैंक की बाजार हैसियत 4,581.64 करोड़ रुपये बढ़कर 6,66,639.07 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. एचडीएफसी बैंक का मूल्यांकन 1,971.27 करोड़ रुपये बढ़कर 11,65,135.58 करोड़ रुपये रहा. इस रुख के उलट इन्फोसिस का बाजार पूंजीकरण 19,403.04 करोड़ रुपये घटकर 5,94,252 करोड़ रुपये रह गया. टीसीएस की बाजार हैसियत 18,258.67 करोड़ रुपये के नुकसान से 13,06,391.11 करोड़ रुपये पर आ गई. एसबीआई का मूल्यांकन 16,019.67 करोड़ रुपये घटकर 5,14,191.52 करोड़ रुपये रह गया. बजाज फाइनेंस की बाजार हैसियत 7,137.72 करोड़ रुपये के नुकसान से 4,87,746.65 करोड़ रुपये पर आ गई. शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही. उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, इन्फोसिस, आईटीसी, भारती एयरटेल, एसबीआई और बजाज फाइनेंस का स्थान रहा.
तिमाही नतीजे, कच्चे तेल की कीमतें, भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं इस सप्ताह तय करेंगी बाजार का रुख
कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के वित्तीय नतीजों, कच्चे तेल की कीमतों और पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक अनिश्चितता से इस सप्ताह स्थानीय शेयर बाजारों का रुख तय होगा. विश्लेषकों ने यह बात कही है. इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की गतिविधियां भी बाजार को प्रभावित करेंगी. स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि इस सप्ताह कई दिग्गज कंपनियों के तिमाही नतीजे आने हैं, जिनका बाजार की दिशा पर काफी असर पड़ेगा. विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की हालिया बिकवाली को देखते हुए उनका रुख भी महत्वपूर्ण होगा.
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बाजार से विदेशी निवेशकों ने निकाला 9800 करोड़ रुपये
अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में लगातार वृद्धि और इजराइल-हमास संघर्ष के चलते बने अनिश्चित माहौल के बीच विदेशी निवेशकों ने इस महीने अब तक भारतीय शेयर बाजारों से लगभग 9,800 करोड़ रुपये निकाले हैं. इस उथल-पुथल के बावजूद शेयर बाजार बीते सप्ताह सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए, जिसका मुख्य कारण घरेलू समर्थन था. पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 287.11 अंक या 0.43 प्रतिशत चढ़ा. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि पश्चिम एशिया में संघर्ष को लेकर चिंताएं जारी रहने के बावजूद दूसरी तिमाही के नतीजों को लेकर सकारात्मक उम्मीदों और वैश्विक बॉन्ड प्रतिफल में नरमी के चलते भारतीय बाजारों ने वापसी की. व्यापक आर्थिक मोर्चे पर नायर ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ों में महत्वपूर्ण गिरावट और औद्योगिक उत्पादन जैसे घरेलू कारकों ने आशावाद को बनाए रखने में मदद की. उन्होंने कहा कि हालांकि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र के कमजोर आय पूर्वानुमानों और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी ने बाजार को प्रभावित किया.
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