Ayodhya Ram Temple: अयोध्या में भगवान रामलला के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारी जारी है. रामलला को 24 जनवरी को शुभ मुहूर्त में बेहद भव्य समारोह में गर्भगृह में विराजमान कराया जाएगा. हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर तारीख का ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय से इस तारीख का कार्यक्रम तय होते ही इसकी जानकारी दे दी जाएगी. इस बीच रामलला की मूर्तियों का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है. श्रीरामजन्म भूमि ट्रस्ट इसके लिए तीन मूर्तियों का निर्माण करा रहा है. इनमें से एक सर्वश्रेष्ठ मूर्ति का चयन गर्भगृह में विराजमान कराने के लिए किया जाएगा. बताया जा रहा है कि इन मूर्तियों का निर्माण कार्य लगभग 90 प्रतिशत तक पूरा हो गया है और इस महीने के अंत तक इन्हें ट्रस्ट को सौंप दिया जाएगा. इसके बाद ट्रस्ट इस पर अपना फैसला करेगा. मूर्तिकारों के मुताबिक 30 अक्टूबर तक मूर्ति राम मंदिर ट्रस्ट को सौंप दी जाएगी. 22 जनवरी 2024 को रामलला के विराजमान होने की संभावना के मद्देनजर इस काम को तेजी से अंतिम रूप दिया जा रहा है.
रामलला के मूर्ति निर्माण कार्य में लगे मूर्तिकार विपिन भदोरिया के मुताबिक रामलला की मूर्ति पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा आश्चर्य होगी. दावा किया जा रहा है कि रामलला के ऐसे विग्रह को आज तक किसी ने नहीं देखा होगा. इसका आकर्षक स्वरूप पहली ही नजर में श्रद्धालुओं का मन मोह लेगा. बाल स्वरूप पांच वर्षीय रामलला हाथ में धनुष लिए मूर्ति पर नजर आएंगे. रामलला की मूर्ति के सभी चिह्न की भी नक्काशी की गई है. बताया जा रहा है कि रामलला की मूर्ति का निर्माण लगातार चल रहा है. इस काम में लगे मूर्तिकाल किसी से भी मुलाकात भी नहीं कर रहे हैं, जिससे उनका ध्यान भंग नहीं हो. उनकी प्राथमिकता है इस महीने के अंत तक ट्रस्ट को मूर्ति सौंपने की है.
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बताया जा रहा है कि राम मंदिर के गर्भ गृह में 51 इंच की रामलला की बाल स्वरूप प्रतिमा कमलदल पर विराजमान होगी. इस तरह का विग्रह अभी तक किसी मंदिर में देखने को नहीं मिलेगा. दिन रात की कड़ी मेहनत के साथ बेहद श्रद्धा भाव से इसे तैयार किया जा रहा है. वहीं रामलला के मंदिर का भूतल भी तैयार हो गया है. तीसरे तल के साथ मंदिर का 161 फीट ऊंचा शिखर दिसंबर 2024 तक तैयार होगा, जिस पर पताका फहराई जाएगी. मंदिर निर्माण कार्य पर अब तक 900 करोड़ रुपए से अधिक खर्च हो चहुके हैं. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मंदिर का निर्माण तीन चरणों में करा रहा है. मंदिर का निर्माण कार्य नक्शे के मुताबिक जनवरी 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा.
इससे पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने संवैधानिक पदों पर आसीन पदाधिकारी से अपील की है कि वह 22 जनवरी को अयोध्या नहीं आएं. उन्होंने कहा सभी प्रोटोकॉल धारक 26 जनवरी के बाद अयोध्या आएंगे तो सुविधा होगी. इसके साथ ही चंपत राय ने विदेशों में रहने वाले राम भक्तों से 26 जनवरी से 22 फरवरी के बीच अयोध्या पहुंचने का आह्वान किया है. उन्होंने बताया कि अलग-अलग देशों से आने वाले राम भक्त अपनी इच्छा के मुताबिक तारीख तय करें और कार्यक्रम की सूचना फोन पर दें. विदेशों के राम भक्तों से सूचना संपर्क के लिए संगठन की ओर से पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी गई है. इनसे संपर्क विदेशों में रहने वाले रामभक्त अपने आगमन की सूचना दे सकते हैं, जिससे अयोध्या में व्यवस्था बनाने में सुविधा हो.