Petrol-Diesel Price Today: अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इजरायल-हमास युद्ध के बाद आयी कच्चे तेल के दाम में तेजी से पिछले दो दिनों में राहत मिली है. आज सुबह छह बजे WTI Crude Oil के दाम में 0.08 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी. इसके बाद ये 85.19 डॉलर प्रति बैरल कर कारोबार कर रहा था. वहीं Brent Crude Oil में 0.53 फीसदी गिरावट देखने को मिली. इसके बाद, Brent Crude Oil 89.64 डॉलर प्रति बैरल पर बिक रहा था. इस बीच भारत में तेल वितरक कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम जारी कर दिये हैं. तेल की कीमतों में आज भी राष्ट्रीय स्तर पर कोई बदलाव नहीं किया गया है. हालांकि, कई शहरों में बदलाव हुआ है. राजधानी दिल्ली में आज पेट्रोल 96.72 रुपये और डीजल 89.62 रुपये लीटर बिक रहा है. जबकि, मुबंई में पेट्रोल की कीमत 106.31 रुपये लीटर और डीजल 94.27 रुपये प्रति लीटर है. वहीं, चेन्नई में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. पेट्रोल 102.74 रुपये लीटर और डीजल 94.33 रुपये लीटर है. जबकि, कोलकाता में पेट्रोल के दाम 106.03 रुपये लीटर और डीजल 92.76 रुपये लीटर पर स्थिर है.
इन शहरों में बदले पेट्रोल-डीजल के दाम
राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में आज भी पेट्रोल-डीजल के दाम में कटौती हुई है. यहां पेट्रोल 16 पैसे सस्ता होकर 96.76 रुपये और डीजल 15 पैसे सस्ता होकर 89.93 रुपये लीटर मिल रहा है. वहीं, वाराणसी में पेट्रोल 43 पैसे कम होकर 97.06 रुपये और डीजल 42 पैसे सस्ता होकर 90.25 रुपये सुबह से मिल रहा है. साथ ही, राजस्थान के अजमेर में पेट्रोल की कीमतों में 10 पैसे की मामूली कटौती हुई है. इसके बाद पेट्रोल 108.44 रुपये और डीजल 93.69 रुपये मिल रहा है. जबकि, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पेट्रोल के दाम में 22 पैसे का इजाफा हुआ है. इसके बाद यहां पेट्रोल 96.57 रुपये लीटर और डीजल 21 पैसे महंगा होकर 89.76 रुपये लीटर मिल रहा है. वहीं, प्रयागराज में पेट्रोल-डीजल के दाम में बड़ी कटौती हुई है. पेट्रोल की कीमत 75 पैसे कम होकर 97.27 रुपये लीटर और डीजल की कीमत 73 पैसे सस्ता होकर 90.46 रुपये मिल रहा है. बिहार की राजधानी पटना में आज पेट्रोल की कीमत 107.54 रुपये लीट और डीजल के दाम 94.32 रुपये लीटर है.
त्योहारी सीजन की शुरुआत से पहले पेट्रोल, डीजल की बिक्री घटी
त्योहारी सीजन की शुरुआत से पहले अक्टूबर के पहले पखवाड़े में पेट्रोल और डीजल की बिक्री में गिरावट आई है. सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों के शुरुआती आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. पिछले साल दुर्गा पूजा/दशहरा के साथ-साथ दिवाली भी अक्टूबर में थी. इस साल अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में खपत बढ़ने का अनुमान है. सार्वजनिक क्षेत्र के तीनों ईंधन खुदरा विक्रेताओं की पेट्रोल की बिक्री में सालाना आधार पर नौ प्रतिशत की गिरावट आई. दो महीने में पहली बार पेट्रोल की बिक्री गिरी है. वहीं डीजल की मांग भी 3.2 प्रतिशत घट गई. अक्टूबर के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की बिक्री सालाना आधार पर 12.9 लाख टन से घटकर 11.7 लाख टन रह गई. मासिक आधार पर बिक्री में नौ प्रतिशत की गिरावट आई. देश में सबसे अधिक इस्तेमाल वाले ईंधन डीजल की खपत एक से 15 अक्टूबर के बीच 29.9 लाख टन रह गई है. अक्टूबर, 2022 के पहले पखवाड़े में यह 30.9 लाख टन थी. मासिक आधार पर इसमें 9.6 प्रतिशत की गिरावट आई. सितंबर के पहले पखवाड़े में यह 27.3 लाख टन थी. डीजल की बिक्री आमतौर पर मानसून के महीनों में गिर जाती है क्योंकि बारिश के कारण कृषि क्षेत्र की मांग घट जाती है.
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अप्रैल-मई में बढ़ी थी पेट्रोल-डीजल की कीमत
अप्रैल और मई में डीजल की खपत क्रमशः 6.7 प्रतिशत और 9.3 प्रतिशत बढ़ी थी. इसकी वजह यह है कि उस समय खेती के लिए डीजल की मांग में उछाल आया था. इसके अलावा गर्मी से बचने के लिए वाहनों में एयर कंडीशनर का इस्तेमाल बढ़ा था. हालांकि, मानसून के आगमन के बाद जून के दूसरे पखवाड़े से डीजल की मांग घटने लगी थी. आपूर्तिकर्ता समूह ओपेक का मानना है कि तेज आर्थिक वृद्धि के कारण भारत की कच्चे तेल मांग में औसतन 2,20,000 बैरल प्रतिदिन की बढ़ोतरी होगी. अक्टूबर के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की खपत कोविड महामारी से प्रभावित अवधि यानी 1-15 अक्टूबर, 2021 की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक रही है. वहीं महामारी-पूर्व की अवधि यानी अक्टूबर, 2019 की तुलना में यह 21.7 प्रतिशत अधिक रही है. डीजल की खपत एक से 15 अक्टूबर, 2021 की तुलना में 23.4 प्रतिशत और 1-15 अक्टूबर, 2019 की तुलना में 23.1 प्रतिशत अधिक रही है. हवाई यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इससे विमान ईंधन यानी एटीएफ की मांग अक्टूबर के पहले पखवाड़े में सालाना आधार पर 5.7 प्रतिशत बढ़कर 2,92,500 टन पर पहुंच गई है. अक्टूबर, 2021 के पहले पखवाड़े की तुलना में यह 36.5 प्रतिशत अधिक रही है. कोविड-पूर्व की अवधि यानी अक्टूबर, 2019 की तुलना में यह 6.6 प्रतिशत कम रही है.
जेट ईंधन की बिक्री में भी आयी गिरावट
एक से 15 सितंबर, 2023 की तुलना में जेट ईंधन की बिक्री में दो प्रतिशत की गिरावट आई है. उस समय यह 3,00,900 टन रही थी. रसोई गैस या एलपीजी की बिक्री समीक्षाधीन अवधि में सालाना आधार पर 1.2 प्रतिशत बढ़कर 12.5 लाख टन पर पहुंच गई. अक्टूबर, 2021 के पहले पखवाड़े की तुलना में यह 10.6 प्रतिशत तथा कोविड-पूर्व की अक्टूबर, 2019 की समान अवधि की तुलना में यह 153 प्रतिशत अधिक है. मासिक आधार पर एलपीजी की मांग 7.5 प्रतिशत बढ़ी है. सितंबर के पहले पखवाड़े में एलपीजी की बिक्री 13.6 लाख टन रही थी.
भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम कैसे तय होते हैं
भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम सरकार द्वारा तय होते हैं और यह एक डायनामिक प्रक्रिया है जो विभिन्न कारगर कारकों पर निर्भर करती है. यहां कुछ मुख्य कारक हैं जो इस प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं:
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आंतर्राष्ट्रीय बाजार मूल्य (International Market Prices): भारत उपयोगकर्ताओं के लिए पेट्रोल और डीजल के विश्वासपूर्वक संग्रहित वितरण नेटवर्क नहीं है. इसलिए, विश्व बाजार में पेट्रोल और डीजल के मूल्यों में उत्तराधिकार खत्म होने के बावजूद, भारत अंत में मात्रा और वितरण में परिभाषित है.
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कर और शुल्क (Taxes and Duties): पेट्रोल और डीजल के मूल्यों को निर्धारित करने में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा लागू किए जाने वाले कर और शुल्क शामिल होते हैं. यह आमतौर पर विभिन्न अद्यावधिक निर्णयों के आधार पर बदल सकते हैं.
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राज्य सरकारों का योगदान (State Government Contribution): राज्य सरकारें भी पेट्रोल और डीजल के दामों को नियंत्रित करने के लिए अपने योगदान को शामिल कर सकती हैं. वे अपने राज्य में विभिन्न शुल्क और करों को लागू कर सकते हैं.
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मुद्रा की मांग और पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति (Demand for Currency and Supply of Petroleum Products): पेट्रोलियम उत्पादों की मांग और उनकी आपूर्ति के बीच संतुलन भी मूल्यों को प्रभावित कर सकते हैं. यदि उत्पादों की मांग अधिक है और आपूर्ति कम है, तो मूल्यों में वृद्धि हो सकती है. उत्पादों की मांग कम है और आपूर्ति अधिक है, तो मूल्यों में कमी हो सकती है.
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निर्यात और आयात की घटनाएं (Export and Import Events): विभिन्न निर्यात और आयात की घटनाएं भी पेट्रोल और डीजल के मूल्यों को प्रभावित कर सकती हैं.
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