Kanpur News: कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत थाना कलक्टरगंज में तैनात इंस्पेक्टर को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन यूनिट ने रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के लिए पूरा जाल बिछाया गया. आरोपी इंस्पेक्टर से पूछताछ के बाद अफसर उसे लेकर कोतवाली रवाना हो गए, जहां एफआईआर दर्ज कराई गई. संयुक्त पुलिस आयुक्त ने सोमवार की देर रात को इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया. दरअसल, कराचीखाना स्थित नारायण प्लाजा निवासी नरेंद्र कुमार गुप्ता के बेटों ने जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी कि रिपोर्ट लिखने के नाम पर थाना कलक्टरगंज के इंस्पेक्टर रामजनम गौतम 50 हजार रुपये मांग रहे हैं. पीड़ित पक्ष ने एंटी करप्शन यूनिट कानपुर में भी शिकायत की. यूनिट के अफसरों ने 50 हजार रुपये इंस्पेक्टर को देने के लिए उन पर फिनोप्थलीन पाउडर डाल दिया.
बता दें कि पीड़ित के द्वारा दी गई 50 हजार की घूस में एंटी करप्शन टीम ने नोटों पर फिनोप्थलीन पाउडर डाल दिया, जिसे लेकर पीड़ित थाने पहुंचा और इंस्पेक्टर को दिए. मौके पर ही एंटी करप्शन यूनिट के अफसर पहुंच गए और इंस्पेक्टर को धर-दबोचा. हाथ पानी में डलवाया तो हाथों में रंग मिला. इसके बाद गिरफ्तार कर लिया गया. ज्वाइंट सीपी आनंद प्रकाश तिवारी के मुताबिक इंस्पेक्टर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं. जो भी रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी.
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इंस्पेक्टर राम जनम गौतम ने फरियादी नरेंद्र गुप्ता से थाने के खूब चक्कर लगवाए. थक चुके नरेंद्र से बाद में इंस्पेक्टर ने कहा कि पचास हजार रुपये लाओ. तुम्हारा जर्जर मकान खाली करा दूंगा. एफआईआर भी दर्ज कर लूंगा और तुम्हारे पक्ष में रिपोर्ट भी लगा दूंगा. एंटी करप्शन की टीम ने जब पूछताछ शुरू की तो यह बात सामने आ कि उसने मकान खाली कराने का ठेका लिया था. इस रिश्वत के पीछे की कहानी कराचीखाना से शुरू होती है.
यहां के नरायणजी प्लाजा निवासी नरेंद्र गुप्ता ने कलक्टरगंज क्षेत्र में एक मकान खरीदा था, जो जर्जर था. वहां पर पहले से किराएदार बसे हुए थे. नरेंद्र जब तीन अक्तूबर को मकान खाली कराने पहुंचे तो वहां उनका किराएदारों से विवाद हो गया. मौके पर हुई बदसलूकी की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थानेदार को तहरीर दी. तहरीर मिलने के बाद इंस्पेक्टर रामजनम गौतम ने उसे दबा लिया. कुछ समय बाद कार्रवाई को लेकर नरेंद्र ने पूछा तो इंस्पेक्टर ने 50 हजार रुपये की मांग कर दी.