पटना. बिहार के कृषि रोड मैप को देश के सबसे अनोखे कृषि प्लान के रूप में जाना जाता है. रोड मैप बनाकर कृषि कार्य करने वाला बिहार देश में पहला राज्य है. 17 फरवरी 2008 को कृष्ण मेमोरियल हॉल में किसान पंचायत का आयोजन कर पहले कृषि रोड मैप को लॉन्च किया गया था. 2008 से 2012 तक पहले कृषि रोड मैप की अवधि निर्धारित थी. दूसरे कृषि रोड मैप की अवधि 2012 से 2017 तथा तीसरे की अवधि 2017 से 2023 थी. अब वर्ष 2023 से 2028 तक के लिए चौथा कृषि रोड मैप लॉन्च किया जायेगा. इस 15 साल में राज्य में 651 राइस मिल खोलने की स्वीकृति दी गयी. नौ आटा मिल खोले गये. कृषि रोड मैप के तहत फसल, मांस, मछली और अंडा का उत्पादन बढ़ा.
12 विभाग इस साल से इतनी राशि से करेंगे विकास कार्य
चौथे कृषि रोड मैप में 12 विभागों को शामिल किया गया है. कृषि, फसल व बागवानी क्षेत्र में 22366.18 करोड़, पशु व मत्स्य संसाधन में 15349. 40 करोड़, ऊर्जा में 6190.75, राजस्व व भूमि सुधार में 1200.75, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में विकास कार्य के लिए 3875.98 करोड़ की राशि अनुमानित है. वहीं, उद्योग विभाग में 3446.20, गन्ना उद्योग में 729.94, जल संसाधन में 19196.17, लघु जल संसाधन विभाग में 5308, ग्रामीण कार्य में 393.98, खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण में 83766.94 तथा सहकारिता के क्षेत्र में 444.50 करोड़ रुपया खर्च करने की अनुमानित राशि निर्धारित की गयी है.
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तीन कृषि रोड मैप से फसलों के उत्पादन में हुई वृद्धि
वर्ष 2007-8 में गेहूं की उत्पादकता 23.35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर थी. अब यह वर्ष 2021-22 में बढ़कर 30.78 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गया. वर्ष 2007-8 में मक्का की उत्पादकता 27.39 क्विंटल प्रति हेक्टेयर थी. वर्ष 2021-22 में बढ़कर 52.36 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गयी. वर्ष 2007-8 में चावल की उत्पादकता 12.37 क्विंटल प्रति हेक्टेयर थी, जो वर्ष 2021-22 में बढ़कर 24.96 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गयी है.
दूध, अंडा व मांस का भी बढ़ा उत्पादन
कृषि रोड मैप के पूर्व बिहार में प्रतिवर्ष दूध का उत्पादन 57.7 लाख मीट्रिक टन था. अब यह वर्ष 2021-22 में बढ़कर 115 लाख मीट्रिक टन हो गया है. अंडा का उत्पादन वर्ष 2007-8 में 10667 लाख प्रतिवर्ष था. वर्ष 2021-22 में बढ़कर 30131 लाख प्रतिवर्ष हो गया है. मांस का उत्पादन वर्ष 2007-8 में 1.80 लाख मीट्रिक टन प्रतिवर्ष था, यह 2021-22 में बढ़कर 3.97 लाख मीट्रिक टन हो गया. मछली का उत्पादन 2.88 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 7.62 लाख टन हो गया.