लखनऊ. पर्यटक और प्राकृतिक प्रेमी आने वाले कुछ दिनों में दुधवा नेशनल पार्क,चूका टाइगर रिजर्व, कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ सेन्चुरी की सैर हेलीकाप्टर से कर सकेंगे. सड़क मार्ग से जाने के लिए फोरलेन रोड कनेक्टिविटी मिलेगी. यही नहीं, गाइड, ठहरने और खाने-पीने की सुविधाएं भी इंटरनेशनल स्तर की दी जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार की देर शाम को सीएम आवास पर हुई उत्तर प्रदेश राज्य वन्य जीव बोर्ड की 15वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया है. बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जैव विविधता को संरक्षित करने तथा प्रदेश में ईको टूरिज्म की सम्भावनाओं को विस्तार देने के लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्य करने का निर्णय लिया है.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों की सड़कों के किनारे साइनेज लगाये जाएं. इन साइनेज में हार्न न बजाने, वाहन गति सीमा, फायर प्रोटेक्शन जैसे विभिन्न निर्देश उल्लेखित किये जाएं. जैव विविधता के संरक्षण की दिशा में प्रयास सतत रूप से जारी रखने होंगे. नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से अविरल और निर्मल हो रही गंगाजी में डॉल्फिन की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है. प्रदेश की अन्य नदियों में भी डॉल्फिन देखी जा सकती हैं. लोगों में डॉल्फिन के संरक्षण और उसका संवर्द्धन यानि वृद्धि के लिए जागरूकता पैदा करनी होगी. इसके लिए डॉल्फिन मित्र नियुक्त किए जाएंगे.
मुख्यमंत्री को बताया गया कि वन्यजीवों के संरक्षण एवं उनके संवर्द्धन के लिए नियोजित प्रयास के कारण प्रदेश में बाघों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है. राज्य में वेटलैण्ड संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं. प्राकृतिक सुषमा से परिपूर्ण प्रदेश में अब तक 10 रामसर साइट घोषित किए गए हैं. वेटलैण्ड संरक्षण के लिए पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जाए. मुख्यमंत्री ने जनपद संतकबीरनगर की बखीरा झील को ईको टूरिज्म के लिए विकसित करने को कहा है. इसके लिए बेहतर कार्ययोजना तैयार की जाएगी. जनपद महराजगंज के अन्तर्गत सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग में स्थित महाव नाले का चौड़ीकरण और गहरीकरण का कार्य भी जल्दी पूरा किया जाएगा. इस सम्बन्ध में वन भूमि के स्थानान्तरण के कार्य को जल्दी पूरा किया जाए. इससे वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों में नदियों के डेजिंग के कार्य को सुनियोजित ढंग से सम्पन्न किया जाएगा. इससे जलप्लावन की समस्या का निराकरण होगा और वन्यजीवों का नुकसान भी कम किया जा सकेगा.
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वन्य जीव संरक्षित क्षेत्रों में पर्यावरण के मानकों का ध्यान रखते हुए एवं उपयोगिता के आधार पर सम्पर्क मार्ग के निर्माण एवं चौड़ीकरण, मोबाइल टावर की स्थापना जैसे कार्य तेजी से पूरे किए जाएंगे. उत्तर प्रदेश राज्य वन्य जीव बोर्ड के पदेन उपाध्यक्ष तथा वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरुण कुमार सक्सेना सहित उत्तर प्रदेश राज्य वन्य जीव बोर्ड के सदस्यगण, पुलिस महानिदेशक विजय कुमार, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, सूचना निदेशक शिशिर सहित कई अधिकारी बैठक में मौजूद रहे.