Isael Hamas War: इजराइल में हमास के हमले के दौरान एक बुजुर्ग दंपत्ति की देखभाल करने वाली केरल की दो महिलाओं ने सात अक्टूबर को असाधारण साहस एवं पराक्रम का परिचय देते हुए उनके जीवन की रक्षा की. भारत में इजराइली दूतावास ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में केरल की दो महिलाओं सविता और मीरा मोहनन को भारत की असाधारण पराक्रमी महिलाएं (इंडियन सुपरवुमेन) बताते हुए उनका सम्मान किया. दूतावास ने सविता का वायरल वीडियो भी साझा किया जिसमें उन्होंने बताया कि हमास समूह के सात अक्टूबर को अचानक हमला करने के बाद क्या हुआ था.
बहादुरी को इजराइल ने किया सम्मान
सविता ने अपने वीडियो संदेश में उस दर्दनाक घटना का स्पष्ट रूप से वर्णन किया जब उसने और मोहनन ने बहादुरी से अपनी एवं उस बुजुर्ग दंपति की रक्षा की जिनकी वे देखभाल कर रहे थे.संदेश में बताया कि घर के अंदर सुरक्षा कक्ष के दरवाजे की कुंडी को उन्होंने कसकर पकड़ लिया था. गोलियों की बौछार के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और साहसपूर्वक हमलावरों को अंदर घुसने से रोके रखा. सविता ने बताया कि जिस दंपति की देखभाल वे कर रही थी उसमें से महिला तंत्रिका तंत्र संबंधी एएलएस बीमारी से पीड़ित है.
भारतीय वीरांगनाएं ! 🇮🇳🇮🇱
मूलतः केरला की रहने वाली सबिता जी, जो अभी इजराइल में सेवारत हैं, बता रही हैं कि कैसे इन्होने और मीरा मोहन जी ने मिलकर इसरायली नागरिकों कि जान बचाई। हमास आतंकवादी हमले के दौरान इन वीरांगनाओं ने सेफ हाउस के दरवाजे को खुलने ही नहीं दिया क्योंकि आतंकवादी… pic.twitter.com/3vu9ba4q0d
— Israel in India (@IsraelinIndia) October 17, 2023
हमले में बचाई इजराइली बुजुर्ग की जान
उन्होंने बताया कि करीब सुबह साढ़े छह बजे सायरन की आवाज सुनाई दी जिसके बाद वे सुरक्षा कक्ष में चले गए. इसके बाद दंपति की बेटी का फोन आया जिसमें उसने बताया कि इलाके में स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई है और घर के सभी दरवाजे बंद कर लो. इजराइल में तीन वर्ष से काम कर रही सविता ने कहा कि कुछ देर बाद घर में आतंकवादियों के घुसने की आवाज आई. इस दौरान गोलीबारी और कांच के टूटने की आवाजें आ रही थीं. उसने कहा कि हमने दोबारा उनकी बेटी को फोन किया और पूछा कि क्या करें. उसने हमें सुरक्षा कक्ष के दरवाजे के हैंडल को पकड़े रहने के लिए कहा.
हमलावरों से लेती रही लोहा
सविता ने कहा कि हम दोनों ने करीब साढ़े चार घंटे तक हैंडल को पकड़े रखा जबकि हमलावर दरवाजे खोलने की मांग के साथ गोली बरसा रहे थे. उन्होंने कहा कि आतंकवादी हमारे घर में सुबह साढ़े सात बजे घुसे थे. उन्होंने घर में सब कुछ बर्बाद कर दिया. हमें नहीं पता घर में क्या चल रहा था. करीब एक बजे हमें और गोलियों के चलने की आवाज सुनाई दी. बुजुर्ग व्यक्ति ने बताया कि इजराइली सुरक्षा (आईडीएफ) हमें बचाने के लिए आ गये हैं. उन्होंने कहा कि आईडीएफ के आने के बाद वे सभी बाहर गए और देखा कि घर के अंदर का सामान नष्ट और लूट लिया गया था. उनके पास कुछ नहीं है यहां तक की मीरा का पासपोर्ट भी लूट लिया गया. सविता ने कहा कि उन दोनों में से किसी ने भी इस तरह का मंजर पहले नहीं देखा था.