कानपुर : CSJMU Kanpur नई शिक्षा नीति के तहत सेमेस्टर प्रणाली की परीक्षाओं को वार्षिक पैटर्न पर कराने की तैयारी है. सेमेस्टर परीक्षाओं को वार्षिक पैटर्न से कराने को प्राचार्य परिषद ने प्रस्ताव तैयार किया है. इसे राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को सौंपा गया है. सीएसजेएमयू में नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद स्नातक व परास्नातक के पाठ्यक्रम सेमेस्टर प्रणाली पर चल रहे हैं. इससे महाविद्यालयों में हर छह माह में परीक्षा होने के साथ आंतरिक मूल्यांकन की भी परीक्षा चल रही है. कॉलेज कई परीक्षा के आयोजन से परेशान हैं. वहीं, नियमित समय पर परिणाम जारी न होने से छात्र अगले सेमेस्टर की पढ़ाई करने कक्षाओं में नहीं आते हैं. प्राचार्य परिषद ने सेमेस्टर परीक्षाओं को एक साथ वार्षिक पैटर्न पर कराने का प्रस्ताव तैयार किया है. राज्यपाल के निर्देश पर विवि में प्राचार्यों की नई शिक्षा नीति में आ रही हुई. इसमें प्राचार्यों ने प्रस्ताव पर मुहर लगाई, जिसे कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के माध्यम से राज्यपाल को सौंपा गया है. प्राचार्य परिषद के महामंत्री प्रो. वीके कटियार ने बताया विवि एक सेमेस्टर बहुविकल्पीय व दूसरा सेमेस्टर सब्जेक्टिव माध्यम से करा रहा है, जिसे वार्षिक पैटर्न पर आसानी से कराया जा सकता है.प्रो. अनिल कुमार मिश्रा ने कहा वार्षिक पैटर्न में भी नई शिक्षा नीति के तहत लागू सेमेस्टर प्रणाली का पूरा पालन होगा.
जलवायु परिवर्तन, रोगों का हमला समेत विभिन्न समस्याओं से निपटने और गुणवत्तायुक्त पैदावार के लिए खेती में अब तकनीक का प्रयोग होगा. देशभर में कृषि क्षेत्र में काम कर रहे स्टार्टअप को आईआईटी कानपुर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई), मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स तकनीक से मजबूत करेगा।आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर और पूसा-कृषि के बीच समझौता हुआ.दोनों संस्थान अगले माह काम शुरू करेंगे.भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के तहत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पूसा-कृषि के माध्यम से स्टार्टअप को बढ़ावा दे रहा है.कृषि को तकनीक से सुव्यवस्थित, आसान करने को पूसा ने आईआईटी कानपुर से हाथ मिलाया है. वैज्ञानिक पूसा में कार्यरत स्टार्टअप को तकनीक के माध्यम से मजबूत करेंगे. समझौता पर आईआईटी के प्रो. अंकुश शर्मा व पूसा के ज्वाइंट डायरेक्टर रिसर्च डॉ. विश्वनाथन चिन्नुसमय ने हस्ताक्षर किया है.
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पूसा में 353 स्टार्टअप इंक्यूबेट हैं, जो किसानों की आय को बढ़ाने व कृषि में होने वाले नुकसान को कम करने का प्रयास कर रहे हैं. इन स्टार्टअप ने अब तक 463 उत्पाद लांच की. वहीं, आईआईटी कानपुर में भी कृषि क्षेत्र से जुड़े स्टार्टअप काम कर रहे हैं. संस्थान के स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर के प्रभारी प्रो. अंकुश शर्मा ने बताया पूसा के साथ समझौता हुआ.