UP Weather Update: उत्तर प्रदेश के मौसम में अब सुबह और देर रात ठंड का एहसास होने लगा है. बारिश की गतिविधियां थमने के बावजूद धरती में नमी होने के कारण धूप के तेवर कमजोर हैं और ठंड धीरे-धीरे अपना असर दिख रही है. दक्षिण पश्चिम राजस्थान और आसपास के क्षेत्र पर चक्रवर्ती परिसंचरण अब दक्षिण पूर्व राजस्थान और आसपास के क्षेत्र में पहुंच गया है. हालांकि प्रदेश में अब बारिश की कोई स्थिति नहीं नजर आ रही है. मौसम विभाग के मुताबिक इस महीने के अंत तक प्रदेश में जाड़े का प्रभाव दिखाई देने की संभावना है. राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में गुरुवार सुबह की शुरुआत हल्की ठंड भरे मौसम के साथ हुई. दिन के तापमान में बहुत ज्यादा बदलाव के आसार नहीं है. राजधानी लखनऊ और आसपास के क्षेत्र में अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. मौसम सामान्य रहेगा. आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक प्रदेश में 20, 21, 22, 23 और 24 अक्तूबर को मौसम के शुष्क बने रहने की संभावना है. इसके लिए मौसम विभाग ने किसी तरह की कोई चेतावनी जारी नहीं की है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अधिकतम तापमान में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस इजाफा होने की संभावना है. इसके बाद कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिलेगा. वहीं न्यूनतम तापमान में अगले चार दिनों के दौरान धीरे-धीरे दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखने को मिल सकती है.
प्रदेश में इस बार गर्मी का असर ज्यादा ही दिखाई दिया. जून के बाद जुलाई और अगस्त की चिपचिपाने वाली गर्मी ने लोगों को काफी परेशान किया. बारिश हुई तो इसका असर कम हुआ. पिछले 15 दिनों में उमस की स्थिति थी, लेकिन हाल में हुई हुई बारिश और ओलावृष्टि ने मौसम को करवट लेने पर मजबूर कर दिया. अब सुबह और रात को मौसम काफी ठंड हो रहा है. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस पूरे सप्ताह धूप निकलने के आसार हैं. तापमान हालांकि सामान्य रहेगा, लेकिन समय के साथ इसमें कर्मी दर्ज की जाएगी.
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आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक बीते चौबीस घंटे में प्रदेश में एक या दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ बहुत हल्की से हल्की बारिश हुई. वहीं एक या दो स्थानों पर मेघ गर्जन और आकाशीय बिजली चमक भी हुई. वहीं हवाओं में ठंडक ने सर्दी का एहसास भी करवाया है. इस दौरान वाराणसी, कानपुर, लखनऊ, झांसी और आगरा संभाग के जिलों में दिन के तापमान में उल्लेखनीय कमी देखी गई. वहीं गोरखपुर, अयोध्या, प्रयागराज और बरेली संभाग के जिलों में मौसम सामान्य बना रहा.
प्रदेश के शेष हिस्सों में दिन के तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ. प्रदेश के झांसी और मेरठ संभाग में दिन का तापमान सामान्य से उल्लेखनीय कम रहा. गोरखपुर, अयोध्या, लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद और आगरा संभाग में दिन का तापमान सामान्य से 5.0 डिग्री सेल्सियस तक कम दर्ज किया गया. वहीं वाराणसी तथा कानपुर संभाग में 3.0 डिग्री सेल्सियस से 5.0 डिग्री सेल्सियस कम रहा. पिछले चौबीस घंटे के दौरान राज्य के सभी संभागों में रात के तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ. राज्य के गोरखपुर संभाग में रात का तापमान सामान्य से 3.0 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया. वहीं मुरादाबाद संभाग में रात का तापमान सामान्य से 1.5 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज हुआ एवं शेष सभी संभागों में रात का तापमान सामान्य रहा. राज्य में सबसे कम न्यूनतम तापमान नजीबाबाद में 14.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
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आगरा का न्यूनतम तापमान 19 डिग्री और अधिकतम तापमान 32 डिग्री
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अलीगढ़ का न्यूनतम तापमान 18 डिग्री और अधिकतम तापमान 32 डिग्री
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प्रयागराज का न्यूनतम तापमान 19 डिग्री और अधिकतम तापमान 33 डिग्री
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बांदा का न्यूनतम तापमान 21 डिग्री और अधिकतम तापमान 33 डिग्री
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बरेली का न्यूनतम तापमान 15 डिग्री और अधिकतम तापमान 30 डिग्री
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गोरखपुर का न्यूनतम तापमान 18 डिग्री और अधिकतम तापमान 32 डिग्री
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झांसी का न्यूनतम तापमान 20 डिग्री और अधिकतम तापमान 33 डिग्री
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कानपुर का न्यूनतम तापमान 19 डिग्री और अधिकतम तापमान 32 डिग्री
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लखनऊ का न्यूनतम तापमान 33 डिग्री और अधिकतम तापमान 19 डिग्री
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मेरठ का न्यूनतम तापमान 16 डिग्री और अधिकतम तापमान 30 डिग्री
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मुरादाबाद का न्यूनतम तापमान 17 डिग्री और अधिकतम तापमान 30 डिग्री
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वाराणसी का न्यूनतम तापमान 18 डिग्री और अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक दक्षिण-पूर्व अरब सागर पर चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव के कारण दक्षिण-पूर्व और इससे सटे पूर्वी मध्य अरब सागर पर एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है. संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण मध्य-क्षोभमंडल स्तर तक फैला हुआ है. निम्न दबाव क्षेत्र के पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ने और अगले चौबीस घंटे के दौरान अच्छी तरह से चिह्नित होने की संभावना है और 21 अक्टूबर के आसपास मध्य अरब सागर के ऊपर एक डिप्रेशन में और अधिक तीव्र होने की संभावना है. पश्चिमी विक्षोभ को मध्य क्षोभमंडलीय पछुआ हवाओं में एक गर्त के रूप में देखा जाता है, जिसकी धुरी समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर, 70 डिग्री पूर्व देशांतर के साथ 30 डिग्री उत्तर अक्षांश के उत्तर में है.