Aaj Ka Panchang 20 अक्तूबर शुक्रवार 2023: पंचांग (Panchang) का खास महत्व है. पंचांग के जरिए शुभ दिन, शुभ मुहूर्त, शुभ योग, दिन के अशुभ समय, ग्रहों की स्थिति आदि का पता चलता है. पंचांग से दिशाशूल, सूर्योदय, चंद्रोदय, सूर्यास्त, चंद्रास्त आदि के बारे में भी जानकारी मिलती है. इसके जरिए शुभ कार्य का समय जाना जा सकता है, साथ ही किस समय व्यक्ति को सावधान रहना चाहिए, इसका भी पता चलता है. सनातन परंपरा में किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य को शुरू करने से पहले शुभ मुहूर्त पर विशेष ध्यान दिया जाता है. मान्यता है कि शुभ मुहूर्त के दौरान किए गए कार्य से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है. यह परंपरा पौराणिक काल से चली आ रही है. वैदिक शास्त्र के अनुसार, शुभ मुहूर्त वह विशेष समय होता है, जब सौरमंडल में ग्रह और नक्षत्र की स्थिति वशिष्ठ कार्य के लिए शुभ होती है. यही कारण है कि बाधा और समस्याओं को दूर रखने के लिए शुभ मुहूर्त का पालन किया जाता है. पंचांग के मुताबिक आज पितृपक्ष की नवमी का श्राद्ध है. इस दौरान लोग अपने पितरों का श्राद्ध करने के लिए काशी, प्रयागराज जैसे तीर्थस्थल पहुंच रहे हैं. इस दौरान गंगा स्नान का विशेष महत्व है. आज 19 अक्तूबर 2023 दिन शुक्रवार का पंचांग (Friday Panchang) क्या कहता है.
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आश्विन शुक्ल पक्ष षष्ठी रात- 09:13 उपरांत सप्तमी
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श्री शुभ संवत-2080,शाके-1945, हिजरी सन-1444-45
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सूर्योदय: 06:12
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सूर्यास्त: 17:29
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चन्द्रोदय: 11:26
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चन्द्रास्त: 21:43
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शुभ मुहूर्त
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अभिजीत: 11:28 − 12:13
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अमृत कालम्: 14:12 − 15:47
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सूर्योदय कालीन नक्षत्र-मूल उपरांत पूर्वाषाढ़ा, योग- अतिगण्ड,करण-कौ,
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सूर्योदय कालीन ग्रह विचार-सूर्य-तुला, चंद्रमा-धनु, मंगल-तुला, बुध-तुला, गुरु-मेष, शुक्र-सिंह, शनि-कुंभ, राहु-मेष, केतु-तुला
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नवरात्रि के छठे दिन माता के अलौकिक स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. मां कात्यायनी स्वरूप में माता शेर पर सवार हैं और उनके सिर पर मुकुट सुशोभित है. माता की चार भुजाएं हैं. मां के इस स्वरूप की पूजा अर्चना से विवाह में आ रही दिक्कतें दूर होती हैं. मां कात्यायनी को शहद और पीले रंग का भोग अत्यंत प्रिय है. माता को शहद से तैयार हलवे का भोग लगाना चाहिए. नवरात्रि के छठे दिन माता के कात्यायनी स्वरूप की पूजा के लिए सुबह नहाने के बाद साफ वस्त्र धारण कर पूजा का संकल्प लेना चाहिए. मां कात्यायनी को पीला रंग प्रिय है इसलिए पूजा के लिए पीले रंग का वस्त्र धारण करना शुभ होता है. मां को अक्षत, रोली, कुमकुम, पीले पुष्प और भोग चढ़ाएं. माता की आरती और मंत्रों का जाप करें.
मां कात्यायनी मंत्र जाप- (Maa Katyayani Mantra)
मां कात्यायनी की पूजा के समय इस मंत्र का जाप करें-
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या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
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चंद्रहासोज्जवलकरा शार्दूलवर वाहना ।
कात्यायनी शुभंदद्या देवी दानवघातिनि ।।
मां कात्यायनी का विशेष मंत्र
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कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी।
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नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।
चौघड़िया के बारे में सटीक चौघड़िया सूची के साथ जानें और दिन का सबसे शुभ समय निर्धारित करें. यदि आप कुछ नया शुरू कर रहे हैं या यात्रा पर जा रहे हैं तो चौघड़िया से आप आज के शुभ मुहूर्त या सबसे अच्छे समय को पूर्व निर्धारित कर सकते हैं. जैसा कि नाम से पता चलता है, चौघड़िया, जो कि वैदिक हिंदू कैलेंडर है, जिसमें 96 मिनट की ‘चार घड़ी’ शामिल हैं, जिसमें प्रत्येक घड़ी 24 मिनट के बराबर है.
करने योग्य गतिविधियां
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प्रात: 06:11 से 07:36 तक चर (यात्रा, सौंदर्य, नृत्य, सांस्कृतिक गतिविधियां)
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प्रातः 07:36 से 09:00 तक लाभ (नया व्यवसाय, शिक्षा प्रारंभ करें)
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प्रातः 09:00 से 10:25 बजे तक अमृत (सभी प्रकार के कार्य विशेष रूप से दुग्ध उत्पाद संबंधित)
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प्रातः 10:30 बजे से 11:50 बजे तक काल (मशीन, निर्माण और कृषि संबंधी गतिविधियां)
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दोपहरः 11:50 से 13:14 बजे तक शुभ (विवाह, धार्मिक, शिक्षा गतिविधियां)
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दोपहरः 13:49 से 14:39 बजे तक रोग (वाद-विवाद, प्रतियोगिता, विवाद निपटारा)
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दोपहर 14:39 से 16:04 बजे तक उद्वेग (सरकार से संबंधित कार्य)
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शामः 16:04 से 17:29 बजे तक चर (यात्रा, सौंदर्य, नृत्य, सांस्कृतिक गतिविधियां)
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उपायः भगवान गणपति की उपासना करें। साथ ही गोशाला में हरे चारे का दान करें।
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आराधनाः ऊं सौम्यरुपाय विद्महे वाणेशाय धीमहि तन्नौ सौम्यः प्रचोदयात् ॥
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खरीदारी के लिए शुभ समयः
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प्रातः 09:00 से 10:30 बजे तक
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राहु काल: प्रातः 10:26 से दोपहर 11:51
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दिशाशूल-नैऋत्य एवं पश्चि