लेबनान के चरमपंथी संगठन हिजबुल्ला ने कहा है कि इजराइल और हमास के युद्ध में उसकी ‘‘अहम भूमिका’’ है और यदि इजराइल गाजा पट्टी पर जमीनी हमले शुरू करता है, तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी. हिजबुल्ला के उपनेता शेख नईम कासिम का यह बयान उस वक्त आया जब इजराइल ने दक्षिणी लेबनान में बमबारी तथा ड्रोन से हमले किए और हिजबुल्ला ने इजराइल की ओर रॉकेट और मिसाइलें दागीं.
हिजबुल्ला ने कहा कि हमले में शनिवार को उसके छह लड़ाके मारे गए जो दो सप्ताह पहले शुरू हुए युद्ध के बाद एक दिन में मारे गए लोगों की सबसे बड़ी संख्या है. कासिम ने कहा कि लेबनान-इजराइल सीमा पर तनाव पैदा करने का हिजबुल्ला के लिए एक स्पष्ट उद्देश्य है. उसने कहा, ”हम इजराइली दुश्मन को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें बता रहें है कि हम तैयार हैं.” हमास ने कहा है कि अगर इजराइल गाजा में जमीनी हमले शुरू करता है तो हिजबुल्ला युद्ध में शामिल हो जाएगा.
हमास के आतंकवादियों द्वारा दक्षिणी इजराइल के शहरों पर सात अक्टूबर को हमले किए जाने के बाद इजराइल ने गाजा पट्टी की घेराबंदी कर दी और कई जवाबी हवाई हमले किए. मिस्र और गाजा के बीच की सीमा शनिवार को खोल दी गई, जिसके बाद लगभग दो सप्ताह से जारी इजराइली घेराबंदी की वजह से भोजन, दवा और पानी की कमी से जूझ रहे फलस्तीनियों के लिए सहायता पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू की गई.
सहायताकर्मियों के मुताबिक केवल 20 ट्रक को गाजा में जाने की अनुमति दी गई, जो जबरदस्त मानवीय संकट से निपटने के लिए अपर्याप्त है. गाजा जाने के लिए 200 से अधिक ट्रक लगभग 3,000 टन सहायता सामग्री लिए कई दिनों से सीमा पर खड़े थे. अस्पतालों का कहना है कि पूरे क्षेत्र में बिजली कटौती के कारण उनके पास चिकित्सा आपूर्ति और आपातकालीन जनरेटर के लिए ईंधन की कमी हो गई है.
गाजा में हड्डियों के चिकित्सक डॉ. निदाल अबेद ने बताया कि जब वह पर्याप्त एनेस्थीसिया के बिना सर्जरी करते हैं तो मरीजों की चीखों से इलाज का इंतजार कर रहे घायल भी बुरी तरह डर जाते हैं. उन्होंने बताया कि अपर्याप्त चिकित्सा आपूर्ति और घायलों की भीड़ के बीच इलाज के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. वह मरीजों से खचाखच भरे फर्श, गलियारों और कमरों में इलाज करने के लिए मजबूर हैं. पर्याप्त चिकित्सा सामग्री के अभाव के बीच पट्टियों की जगह कपड़े, एंटीसेप्टिक के स्थान पर सिरका और सर्जरी के लिए कपड़े सिलने वाली सुई का इस्तेमाल किया जा रहा है.
इस बात की अटकलें हैं कि ईरान समर्थित हिजबुल्ला उत्तरी इजराइल पर व्यापक पैमाने पर हमले कर इजराइल-हमास युद्ध में एक नया मोर्चा खोलने की कोशिश कर सकता है. हिज्बुल्ला के पास हजारों रॉकेट और मिसाइलों के अलावा विभिन्न प्रकार के ड्रोन हैं. कासिम ने कहा कि उनके संगठन ने लेबनान-इजराइल सीमा पर तनाव पैदा कर इजराइली सेना को उलझा रखा है ताकि वह गाजा पर हमले की तैयारी के बजाय उत्तरी क्षेत्र में व्यस्त रहें.
उसने कहा, ”आपको क्या लगता है कि यदि आप फलस्तीनी प्रतिरोध को कुचलने की कोशिश करेंगे, तो क्षेत्र के अन्य लड़ाके कार्रवाई नहीं करेंगे? इस युद्ध में आज हमारी भी अहम भूमिका हैं.’’ लेबनान की सरकारी ‘नेशनल न्यूज एजेंसी’ ने बताया कि एक इजराइली ड्रोन ने इजराइल सीमा से लगभग 20 किलोमीटर उत्तर में सेजौड क्षेत्र में एक घाटी पर मिसाइल दागी.
हिजबुल्ला ने तुरंत हमले की पुष्टि नहीं की, लेकिन अगर यह सच है तो यह एक बड़ी घटना होगी क्योंकि यह लेबनान का भीतरी इलाका है जो सीमा से बहुत दूर है. दक्षिण लेबनान में एसोसिएटेड प्रेस के एक संवाददाता ने शनिवार को भूमध्यसागरीय तट के करीब सीमा पर जोरदार धमाकों की आवाज सुनाई देने की पुष्टि की.