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इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए नियम बनाने की तैयारी में सरकार, गाड़ियों के लिए मानक होगा तय

सरकार के इस कदम का लक्ष्य इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में एक समान मानक निर्धारित करना है. सरकार ने जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसमें कहा गया है कि भारत में सभी प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक जैसे चार्जिंग मानक बनाए जाएंगे.

नई दिल्ली : भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग के बीच इसकी बैटरियों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाने पर भी जोर दिया जा रहा है. इस बीच, खबर यह भी है कि केंद्र की मोदी सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मानक चार्जिंग नियम बनाने की तैयारी में जुट गई है. बताया जा रहा है कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग और लोकप्रियता के बीच सरकार ने यह कदम उठाने का फैसला किया है. मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग से जुड़े संबंधित पक्षों ने सरकार के सामने भारत में चार्जिंग ढांचे में एकरूपता के अभाव पर चिंता जताई थी. उन लोगों का कहना है कि चार्जिंग ढांचे में एकरूपता की कमी की वजह से इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बनाया जाएगा मानक

एक आला अधिकारी ने बताया कि सरकार के इस कदम का लक्ष्य इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में एक समान मानक निर्धारित करना है. सरकार ने जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसमें कहा गया है कि भारत में सभी प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक जैसे चार्जिंग मानक बनाए जाएंगे. दूसरा विकल्प दो मानक तैयार करना है, जिनमें एक दोपहिया एवं तिपहिया के लिए और दूसरा चारपहिया वाहन के लिए होगा. अधिकारी ने कहा कि ज्यादातर लोग दूसरे विकल्प पर जोर दे रहे हैं.

नया नियम बनने के बाद कहीं भी चार्ज हो सकेगी ईवी की बैटरी

बिजनेस स्टैंडर्ड की एक खबर के अनुसार, यूनिवर्सल चार्जिंग मानक लागू करने पर लोग देश में कहीं भी किसी भी उपलब्ध चार्जिंग स्टेशन पर अपने इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज कर पाएंगे. इस समय अलग-अलग चार्जिंग मानक होने के कारण ईवी उन्हीं चार्जिंग स्टेशनों पर चार्ज किए जा सकते हैं, जो उनकी बनावट के हिसाब से फिट बैठते हैं.

फिलहाल भारत में कैसे चार्ज होती है बैटरी

ऊर्जा क्षमता ब्यूरो (बीईई) के अनुसार, भारत में ऑल्टरनेट करंट (एसी) की दो श्रेणियों का इस्तेमाल होता है. इनमें एक भारत एस-001 और दूसरा टाइप-1 एसी है. इनके साथ तीन डायरेक्ट करंट (डीसी) (फास्ट चार्जर) भारत डीसी-001, चार्ज द मूव और कंबाइन्ड चार्जिंग सिस्टम (सिस्टम-2) का भी इस्तेमाल होता है. बीईई बिजली मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाली सरकारी एजेंसी है. ये सभी चार्जर एक दूसरे से काफी अलग होते हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो भारत डीसी-001 चार्जर सीसीएस-2 चार्जिंग प्रणाली से लैस इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज नहीं कर सकता है.

दोपहिया और तिपहिया वाहनों की चार्जिंग में परेशानी

खबर में बताया गया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों को चार्ज करने वाली दोनों विधियों में ही एकसमान चार्जिंग होती है. फोर व्हीलर्स को चार्ज करने में कुछ हद तक समानता जरूर है, मगर दोपहिया एवं तिपहिया सेगमेंट में हालात काफी अलग हैं. इन सेगमेंट्स में ओईएम अपनी पसंद के चार्जिंग डिजाइन तैयार करने के लिए स्वतंत्र होती हैं, मगर इसके लिए उन्हें सरकार द्वारा स्थापित ऊर्जा मानकों का अनुपालन करना होता है. ज्यादातर इलेक्ट्रिक दोपहिया एवं तिपहिया वाहन एसी चार्जिंग का इस्तेमाल करते हैं. इन एसी चार्जिंग का नियमन आईएस 17017 मानक के अंतर्गत होता है.

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अलग कनेक्टर मानकों की मंजूरी मांग रही ओईएम

भारत में में दोपहिया एवं तिपहिया वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ओईएम बीआईएस से अपने अलग कनेक्टर मानकों के लिए मंजूरी मांग रही हैं, मगर सरकार इस बात से चिंतित है कि सभी विनिर्माताओं को अनुमति देने से बाजार में ऊहापोह एवं अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है. 18 अक्टूबर को एथर एनर्जी ने ऐलान किया है कि उसके शुरुआती एकीकृत एसी एवं डीसी कनेक्टर को बीआईएस की अनुमति मिल चुकी है और दूसरी ओईएम भी इसे अपना सकते हैं. दोपहिया एवं तिपहिया वाहनों के लिए चार्जिंग सेवाएं देने वाले सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन में अलग-अलग आउटपुट वाले चार्जिंग सॉकेट होते हैं. लोगों को अपने साथ पोर्टेबल चार्जर रखने होते हैं, जो वाहनों में चार्जिंग सॉकेट के अनुसार काम आते हैं.

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