धार्मिक मान्यता के अनुसार करवा चौथ का निर्जला व्रत सुहागन महिलाएं और विवाह योग्य युवतियां अपने जीवनसाथी की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं. करवा चौथ व्रत में चंद्रमा की पूजा करना और अर्घ्य देना जरूरी माना गया है. इसके बिना करवा चौथ का व्रत पूरा नहीं होता है.
पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर दिन मंगलवार को रात 09 बजकर 30 मिनट से प्रारंभ हो रही है. यह तिथि 01 नवंबर बुधवार को रात 09 बजकर 19 मिनट पर खत्म होगी.
उदयातिथि और चतुर्थी के चंद्रोदय के आधार पर करवा चौथ व्रत 1 नवंबर 2023 दिन बुधवार को रखा जाएगा, इस दिन व्रती को 13 घंटे 42 मिनट तक निर्जला व्रत रखना होगा. व्रत सुबह 06 बजकर 33 मिनट से रात 08 बजकर 15 मिनट तक होगा.
सुहागिन महिलाएं 01 नवंबर दिन बुधवार को करवा चौथ का व्रत रखेंगी. इस दिन शाम में पूजा के लिए 1 घंटा 18 मिनट का शुभ समय है. करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 36 मिनट से शाम 06 बजकर 54 मिनट तक है.
करवा चौथ के दिन चंद्रोदय रात 08 बजकर 15 मिनट पर होगा. इस समय से आप चंद्रमा पूजन के साथ अर्घ्य दे सकते हैं. चंद्रमा को अर्घ्य देने पर व्रत पूरा होता है.
करवा चौथ व्रत का पारण चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है. पति के हाथों जल पीकर व्रत को पूरा करते हैं. 1 नवंबर को रात 08:15 बजे के बाद आप कभी भी पारण कर सकती हैं.
इस साल करवा चौथ पर 3 योग बन रहे हैं. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 33 बजे से प्रारंभ हो रहा है, जो अगले दिन प्रात: 04 बजकर 36 बजे तक रहेगा. सर्वार्थ सिद्धि को शुभ योग माना जाता हैं. इसमें किए गए कार्य सफल सिद्ध होते हैं.
एक नवंबर को दोपहर 02 बजकर 07 मिनट तक परिघ योग है, उसके बाद से शिव योग प्रारंभ होगा, जो अगले दिन तक रहेगा. करवा चौथ के दिन मृगशिरा नक्षत्र सुबह से लेकर अगले दिन 2 नंवबर को सुबह 04 बजकर 36 मिनट तक है.