ऐसा कहा जाता है कि जल ही जीवन है. मतलब पानी के बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. ऐसे में पानी हमारे शरीर को दिन में कम से कम हर कुछ घंटों में चाहिए होता है. हमारे शरीर के पाचन, शरीर के तापमान को नियंत्रित करने से लेकर पोषक तत्वों के परिवहन तक कई महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए इसकी आवश्यकता होती है. आयुर्वेदा केअनुसार सर्वोत्तम स्वास्थ्य के लिए पानी पीने के कुछ तरीके बताए गए हैं.
आपने कई देश के खिलाड़ियों को ग्राउंड पर हमेशा बैठकर पानी पीते देखा होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि आयुर्वेद में भी बैठकर पानी पीने को सेहत के लिए फायदेमंद बताया गया है. लेकिन इसके साथ ही साइंस में भी बैठकर पानी पीने को उत्तम बताया गया है और इसके कई फायदे बताए गए हैं.
खड़े होकर पीने के बजाय बैठकर पानी पिएं क्योंकि यह आपके शरीर द्वारा बेहतर अवशोषित होता है. पानी घूंट-घूंट करके पिएं और कभी भी पानी गटककर न पिएं. अपने दैनिक आठ गिलास पानी के कोटे को पूरा करने के लिए, आपको एक साथ 2-3 गिलास पानी पीने की जरूरत नहीं है. आयुर्वेद के अनुसार, पानी को छोटी-छोटी घूंट में और पूरे दिन पीना चाहिए. गर्म या कमरे के रूम टेम्परेचर पर पानी पिएं.
कभी भी सीधे फ्रिज से ठंडा पानी न पिएं क्योंकि ठंडा पानी आपकी पाचन शक्ति को कम कर देता है. पानी जमा करने के लिए मिट्टी, तांबे या कम से कम स्टील के बर्तन का प्रयोग करें. बहता पानी कभी न पियें. हमेशा जमा किया हुआ पानी ही पियें.
अपने पाचन को बेहतर बनाने के लिए पानी पीने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि पानी को उबालकर पिएं. सुबह उठते ही गर्म पानी पीने का प्रयास करें इससे आपकी पेट की सारी गंदगी साफ हो जाती है.
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