Katihar News: बिहार में एक और पुलिसकर्मी ने आत्महत्या का प्रयास किया है. कटिहार में डीएसपी के बॉडीगार्ड ने खुद को गोली मार ली. जानकारी मिलते ही आनन-फानन में जवान को कटिहार मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. मामला जिले के सहायक थाना क्षेत्र के मिरचाईबाड़ी का है जहां विशेष सशस्त्र बल-7 (BPM-7) के जवान दीपक कुमार ने खुद को गोली मार ली. दीपक कुमार बीएमपी 7 में ही डीएसपी के बॉडीगार्ड के तौर पर तैनात थे. बताया जा रहा है कि उन्होंने अपने सरकारी पिस्टल से खुद को गोली मारी है. हालांकि गोली कैसे लगी, यह जांच के बाद ही पता चलेगा. जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार, जख्मी जवान की मौत हो चुकी है.
कटिहार में बीएमपी के जवान को गोली लगी है जो उसके ही सरकारी पिस्टल से चली है. घटना को लेकर जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार, जवान दीपक कुमार ने सरकारी पिस्टल से खुद को गोली मार ली. जब गोली चलने की आवाज सुनायी दी तो आसपास के लोग मौके पर पहुंचे. उन्होंने दीपक कुमार को जमीन पर लथपथ पड़ा पाया. जिसके बाद बिना समय गंवाये जख्मी जवान को कटिहार मेडिकल कॉलेज ले जाया गया जहां उन्हें भर्ती करके इलाज किया जा रहा है. जवान की हालत नाजुक बनी हुई थी. ताजा जानकारी के अनुसार, उनकी मौत हो चुकी है. बताया जा रहा है कि दीपक कुमार बीएमपी में डीएसपी के बॉडीगार्ड थे.
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घटना की वजह अभी सामने नहीं आ सकी है. लेकिन प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या की कोशिश का प्रतीत होता है. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और पीड़ित के सरकारी पिस्टल को जब्त कर लिया. पुलिस अभी इस मामले में कुछ कहने से परहेज कर रही है. दरअसल, घायल जवान का बयान दर्ज कराने का इंतजार किया जा रहा है. जख्मी जवान की हालत गंभीर है और होश में आने के बाद पुलिस बयान लेने की प्रक्रिया शुरू करेगी. जिसके बाद मामले की हकीकत सामने आ सकती है. फिलहाल जख्मी जवान के परिजनों को इसी सूचना दे दी गयी है.
बिहार में पुलिसकर्मियों के द्वारा आए दिन ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं. ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिसमें पुलिसकर्मी ने या तो अपनी जान दे दी या खुदकुशी का असफल प्रयास किया. इसी साल की बात करें तो अप्रैल महीने में मोतिहारी में एक पुलिस जवान ने खुद को गोली मार ली थी और उसकी मौत हो गयी थी. पुलिस लाइव में नालंदा निवासी सिपाही शंभु कुमार यादव ने आत्महत्या की थी. उसने अपनी पिस्टल से रात करीब 2 बजे खुद को गोली मार ली थी. उससे पहले पश्चिमी चंपारण में एक पुलिस इंस्पेक्टर की मौत थाने की छत से गिरने पर हो गयी थी. ट्रांसफर के बाद वो कार्यभार सौंपने के लिए वाल्मीकिनगर थाने गए थे और छत से गिरकर इंस्पेक्टर शशि शेखर चौहान की मौत हो गयी थी.
हाल में ही समस्तीपुर पुलिस की डायल 112 की महिला सिपाही ने कंट्रोल रूम में ही सुसाइड कर लिया था. मृतका अर्चना का शव कंट्रोल रूम में ही फंदे से लटका मिला था. मौके पर से सुसाइड नोट भी बरामद किए गए थे. अर्चना के पति भी समस्तीपुर जिला बल में सिपाही थे और उसके निलंबन पर सवाल उठाए गए थे जिसका जिक्र सुसाइड नोट में था. वहीं पूर्णिया में कुछ महीने पहले की एक घटना ने सनसनी मचा दी थी जब पुलिस बैरक में ही एक सिपाही ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. मृतक सिपाही राहुल कुमार था जो बांका जिले का निवासी था.
बताते चलें कि बिहार में पुलिस जवानों के द्वारा उठाए जा रहे इन खौफनाक कदमों की वजह अलग-अलग है. कई मामलों में घरेलू कलह की वजह से तंग आकर पुलिसकर्मियों ने अपनी जिंदगी खत्म कर ली तो कई मामले ऐसे भी सामने आए जिसमें ड्यूटी पर आने वाली परेशानियों से हारकर उन्होंने ऐसा कदम उठा लिया. ऐसे मामलों के खुलासे उन सुसाइड नोट से हुए जो आत्महत्या से पहले पुलिस के जवानों ने लिखे.