MP Election 2023: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में जदयू ने भी ताल ठोकी है और 5 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. जेडीयू की ओर से उम्मीदवारों की घोषणा करते ही बिहार में सियासी बयानबाजी तेज हो गयी. दरअसल, एनडीए के खिलाफ विपक्षी दलों का कुनबा ‘I.N.D.I.A’ गठबंधन तैयार हुआ हैविपक्षी दलों के नेता एकजुट होकर चुनाव लड़ने व भाजपा को हराने के लिए लगातार अपनी तैयारी कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में जदयू ने कांग्रेस से अलग उम्मीदवार उतारने का फैसला ले लिया. जिसके बाद इंडिया गठबंधन में दरार की चर्चा शुरू हो गयी. लेकिन अब जदयू की ओर से नेता ने इसपर बयान दिया है और स्थिति को स्पष्ट किया है कि आखिर जदयू ने अलग से उम्मीदवार क्यों उतारा है और उसकी मंशा क्या है. जदयू ने यह भी बताया है कि क्या एमपी चुनाव 2023 में प्रत्याशी उतारने को इंडिया गठबंधन में दरार समझा जाए. जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने इन तमाम सवालों के जवाब दिए हैं.
जदयू ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण में अपने पांच उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. इसके अलावा करीब 10 अन्य सीटों पर भी उम्मीदवारों की घोषणा जल्द होने की संभावना है. इसे लेकर उम्मीदवारों की सूची पर पार्टी के आला नेता मंथन कर रहे हैं. पार्टी ने यह निर्णय स्वयं के स्तर पर लिया है. इसमें इंडिया गठबंधन के घटक दल से आपसी समझौता फिलहाल शामिल नहीं है. हालांकि, जदयू नेताओं का कहना है कि इस निर्णय का असर 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन पर नहीं पड़ेगा.
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यह जानकारी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सह विधान पार्षद आफाक अहमद खान ने मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर और ट्वीट के माध्यम से भी दी है. साथ ही उन्होंने पार्टी का टिकट मिलने वाले सभी उम्मीदवारों को बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं. इस पहली सूची के अनुसार जदयू उम्मीदवार चंद्रपाल यादव मध्य प्रदेश के पिछोर विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे. वहीं, रामकुंवर (रानी) रैकवार, विजय राघवगढ़ से शिव नारायण सोनी उम्मीदवार हैं. थांदला विधानसभा सीट से तोल सिंह भूरिया और पेटलावद से राघेश्वर सिंघार चुनाव लड़ेंगे.
इस संबंध में जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा है कि इसलिए इसको इंडिया गठबंधन में दरार के रूप में नहीं देखना चाहिए. सभी दल अपनी-अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहते हैं. इसमें जदयू भी शामिल है. केसी त्यागी ने कहा कि इसका 2024 के लोकसभा चुनाव पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. उन्होंने पूर्व के दिनों की याद दिलाई जब जदयू और भाजपा एकसाथ थे. केसी त्यागी ने कहा कि हम एनडीए में भी रहकर भी मध्य प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में भाजपा के खिलाफ भी चुनाव लड़ते थे. हम केवल अपने पार्टी की उपस्थिति वहां दर्ज कराना चाहते हैं.
उधर, भाजपा की ओर से भी इस प्रकरण पर प्रतिक्रिया आयी है. पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मध्य प्रदेश विधानसभा की पांच सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर जदयू ने इंडी गठबंधन के बिखराव पर मोहर लगा दी.उन्होंने कहा कि पहले केजरीवाल और अखिलेश यादव की पार्टिया, अपने-अपने प्रभाव वाली सीटें कांग्रेस को देने से इनकार कर गठबंधन को झटका दे चुकी हैं. सुशील मोदी ने कहा कि विपक्षी एकता का अगुआ बनने का दावा करने वाले नीतीश कुमार ने केजरीवाल और अखिलेश यादव को मनाने के बजाय खुद उनकी राह थाम ली. मध्य प्रदेश में जदयू की जमानत जब्त होगी. उन्होंने कहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा फिर सत्ता में आयेगी और इंडी गठबंधन के टूटने-बिखरने की प्रक्रिया तेज होगी. भाजपा सांसद ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस गहलोत और सचिन पायलट के गुटों में बंटी हुई है. लोग कुशासन, भष्टाचार और तुष्टीकरण की नीति से निजात पाने के लिए भाजपा की ओर देख रहे हैं.
वहीं मध्य पदेश के विधानसभा चुनाव मे राजद अपना प्रत्याशी नही उतारेगा. हालांकि, राजद की वहां मजबूत संगठन इकाई मौजूद है. राजद की मध्य प्रदेश इकाई ने कुछ जगहो पर प्रत्याशी उतारने की बात कही थी, लेकिन ”इंडिया” गठबंधन की मजबूती के लिए शीर्ष राजद नेतृत्व ने अपना प्रत्याशी नही उतारने का निर्णय लिया है. राजद के वरिष्ठ प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बताया कि मध्य प्रदेश मे राजद की मजबूत इकाई है. संगठन मौजूद है. इसके बाद भी इंडिया गठबंधन के हक मे राजद अपना प्रत्याशी नही उतार रहा है.
बता दें कि मध्यप्रदेश में 230 सीटों पर चुनाव होने जा रहा है. विधानसभा चुनाव की डुगडुगी बज चुकी है. आगामी 17 नवंबर को मतदान होना है. जबकि 3 दिसंबर को चुनाव का परिणाम आ जाएगा. ऐसा माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस और भाजपा के बीच आमने-सामने की टक्कर है. दरअसल, कांग्रेस की सरकार पिछले चुनाव के बाद बनी लेकिन पार्टी में बड़ी टूट की वजह से प्रदेश में सरकार गिर गयी थी. वर्ष 2018 के चुनाव में जनादेश कांग्रेस के साथ रहा और कमलनाथ सीएम बने थे. मार्च 2020 में 22 कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था और पार्टी के बड़े चेहरे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा का दामन थाम लिया था. सीएम कमलनाथ को इस्तीफा देना पड़ा और सूबे में भाजपा ने सरकार बना ली. शिवराज सिंह चौहान फिर से सीएम बने.