28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चीन और पाकिस्तान की सीमा पर अब रहेगी 24 घंटे पैनी नजर, मोदी सरकार कर रही है ये खास तैयारी

ये हाई-एल्टीट्यूड उपग्रह सौर ऊर्जा से चलने वाले ड्रोन हैं. ये बिना लैंडिंग के लंबे समय तक काम कर सकते हैं. इसका उपयोग सिस्टम के लिए किया जाएगा. जानें इजराइल पर हमास के हमले के बाद क्या प्लान बना रही है मोदी सरकार

इजराइल में हमास के आतंकियों के हमले के बाद भारत सतर्क हो चुका है. इस तरह के अचानक हमलों से बचने के लिए भारत अपनी सीमाओं पर ड्रोन के साथ एक टेक्नोलॉजी के जरिए नजर रखने की तैयारी कर रहा है. इस सबंध में अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया ने खबर प्रकाशित की है. मामले के जानकारों के हवाले से खबर दी गई है कि भारत सीमा पर पैनी नजर रखे हुए है. रक्षा अधिकारियों ने पिछले हफ्ते निगरानी और टोही ड्रोन के छह घरेलू विक्रेताओं से मुलाकात की. अगले महीने एक आदेश की घोषणा हो सकती है. हालांकि ड्रोन से निगरानी की बात अभी सार्वजनिक नहीं है. सेना इस टेक्नोलॉजी को मई की शुरुआत में सीमा के कुछ हिस्सों में शुरू कर सकती है.

चीन और पाकिस्तान के साथ तनाव

भारत की पड़ोसी देशों के साथ लगी सीमा पर हर समय निगरानी रखने का कदम तब उठाया गया है. आपको बता दें कि पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान के साथ खासकर हिमालय पर तनाव व्याप्त है. यूक्रेन में जारी युद्ध के बाद केंद्र की मोदी सरकार ज्यादा सतर्क हो गई है और इस घटना ने सरकार को अपने शस्त्रागार और युद्ध की तैयारियों को लेकर सोचने पर मजबूर कर दिया है. हमास के द्वारा अचानक किये गये हमले के बाद सरकार ऐसे हमले से बचने के लिए योजना तैयार कर रही है.

मुंबई में हो चुका है आतंकी हमला

पहले भारत आतंकी हमले का शिकार हो चुका है. 2008 में, हमलावर हथियारों और हथगोले से लैस होकर समुद्र के रास्ते मुंबई में पहुंचे थे. आतंकियों ने तीन दिनों तक शहर को परेशान कर रखा था. ये आतंकी पाकिस्तान के रास्ते भारत पहुंचे थे. इस आतंकी हमले में 166 लोगों की जान गई थी. सरकार की ओर से कहा जा चुका है कि देश की पश्चिमी सीमा के पार से हथियारों और ड्रग्स को ले जाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. जो टेक्नोलॉजी तैयार की जा रही है उसे पूरे हिस्से को कवर करने में लगभग 18 महीने लग सकते हैं. इसकी लागत सालाना 500 मिलियन डॉलर तक हो सकती है.

Also Read: Israel Hamas War: हमास से युद्ध के बीच इजराइल ने भारत से की ये अपील, देखें कुछ खास तस्वीरें

बिना लैंडिंग के लंबे समय तक काम करेगा ड्रोन

ये हाई-एल्टीट्यूड उपग्रह सौर ऊर्जा से चलने वाले ड्रोन हैं. ये बिना लैंडिंग के लंबे समय तक काम कर सकते हैं. इसका उपयोग सिस्टम के लिए किया जाएगा. 24 घंटे और लंबे वक्त तक ऊंची उड़ान लगाने में ये सक्षम होंगे. ड्रोन सीमाओं के साथ पारंपरिक रडार नेटवर्क के बैक-अप के रूप में भी काम करेंगे, जो सीधे स्थानीय कमांड सेंटरों को तस्वीर भेजने का काम करेंगे. बताया जा रहा है कि सीमा पर तैनात किए गए ड्रोन और उनका सपोर्ट करने वाले सॉफ्टवेयर को देश में ही बनाया जाएगा. भारतीय सेना, जो हथियार प्लेटफार्मों के लिए रूस पर बहुत अधिक निर्भर है, 10 साल के 250 अरब डॉलर के सैन्य आधुनिकीकरण प्रयास के बीच स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है.

Also Read: Israel–Hamas War : गाजा पर और घातक हमला करेगा इजराइल, देखें दिल दहला देने वाली तस्वीर

भारत की सीमा कितनी लंबी है जानें

पूरे 14,000 मील (22,531 किलोमीटर) जो भारत की जमीन से लगी सीमा और समुद्र तट बनाते हैं, सिस्टम चालू होने के बाद निरंतर निगरानी में रहेंगे. उल्लेखनीय है कि इससे पहले, नई दिल्ली ने निगरानी और टोह लेने के लिए अमेरिका से दो ड्रोन किराए पर लिए थे, जब 2020 की गर्मियों में बीजिंग के साथ सीमा तनाव का मौजूदा दौर पहली बार शुरू हुआ था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें