Mukhtar Ansari Case : गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है. 14 साल पुराने शिक्षक कपिल देव सिंह हत्याकांड के चर्चित मामले में कोर्ट ने अंसारी को गुरुवार को दोषी करार दिया था. मुख्तार अंसारी को पिछले 13 महीने में छठी सजा सुनाई गई है. अंसारी को छह अलग-अलग मामलों में दोषी पाया गया है. कपिल देव सिंह और मीर हसन दोनों मामलों में मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था. कपिल देव सिंह गाजीपुर में करंडा थाना करंडा थाना क्षेत्र के सुआपुर गांव में रहते थे. वे पेशे से शिक्षक थे और अपने क्षेत्र में काफी मशहूर थे. सेवानिवृत्त होने के बाद वे गांव में परिवार के साथ रहते थे. वर्ष 2009 में गांव में एक दबंग व्यक्ति के घर पुलिस ने कुर्की की कार्रवाई की. कुर्क हुए सामान की लिस्ट बनाने और आम गवाह की जरूरत पड़ने पर लोगों ने सेवानिवृत्त शिक्षक कपिल देव सिंह को बुलाने की सलाह दी. पुलिस के आग्रह पर कपिल देव सिंह कुर्की स्थल पर पहुंचे और गवाह के रूप में सूची बनाने में मदद की. इस दौरान उन्होंने पुलिस का काफी सहयेाग किया. इससे दबंग का परिवार काफी नाराज हो गया. उसके कपिल देव सिंह का पुलिस की मदद करना और कुर्की के दौरान सक्रिय रहना रास नहीं आया.
बताया जाता है कि उस वक्त मौके पर मौजूद दबंग के परिवार को लगा कि कपिल देव सिंह की पुलिस से मिलीभगत है और उसने ही उन लोगों के बारे में मुखबिरी की है. इसके बाद साजिश के तहत कपिल देव सिंह की हत्या कर दी गई. इस घटना के वक्त माफिया मुख्तार अंसारी जेल में बंद रहकर अपना गैंग का संचालन कर रहा था. वर्ष 2009 में ही मुहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के मीर हसन ने मुख्तार अंसारी पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज कराया था. इस हत्याकांड की शुरुआती एफआईआर में मुख्तार अंसारी का नाम शामिल नहीं था. बाद में जब जांच अधिकारी को विवेचना के दौरान कई सबूत मिले, जिसके आधार पर चार्जशीट में मुख्तार अंसारी का नाम जोड़ लिया गया. इसके बाद कपिल देव सिंह हत्याकांड और मीर हसन के मामले को मिलाकर वर्ष मुख्तार अंसारी पर वर्ष 2010 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया. मुख्तार अंसारी बहुचर्चित कपिल देव सिंह हत्याकांड के मूल मामले में पहले ही बरी हो चुका है.
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विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि अंसारी को इससे पहले 5 जून को वाराणसी एमपी/एमएलए अदालत ने दोषी ठहराया था. उन्हें यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. कुछ हफ्ते पहले, प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत 73.43 लाख रुपये से अधिक की जमीन, एक इमारत और बैंक जमा राशि कुर्क की थी। इन संपत्तियों का कुल पंजीकृत मूल्य 73,43,900 रुपये है. विशेष रूप से, राज्य पुलिस ने अब तक गैंगस्टर अधिनियम के प्रावधानों के तहत अंसारी और उसके गिरोह के सदस्यों की 300 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त कर ली है. कुमार ने कहा, 284.77 लाख रुपये की संपत्ति को ध्वस्त कर दिया गया और अंसारी और उनके लोगों से अवैध कब्जे मुक्त कराए गए.