ब्यूरो, नयी दिल्ली : झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुड़मियों ने समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग को लेकर शुक्रवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया.
हजारों की संख्या में आये कुड़मियों ने कहा कि अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की हमारी मांग काफी पुरानी है. इस बाबत केंद्र और राज्य सरकारों को कई पत्र लिखा गया, लेकिन हमारी वर्षों पुरानी मांग पूरी नहीं हो पायी है.
यह प्रदर्शन पूर्वांचल आदिवासी कुड़मी समाज के बैनर तले आयोजित किया गया. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि छोटानागपुर क्षेत्र के कुड़मी कृषि पर आश्रित हैं और समाज की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है. साथ ही शिक्षा का स्तर भी कम है.
झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में कुड़मी समाज से कोई भी आईएएस और आईपीएस या ग्रेड-ए में नहीं है. यही नहीं इन राज्यों के प्रशासनिक सेवा में भी इस वर्ग का प्रतिनिधित्व नहीं है. समाज के लोग क्लर्क, प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में शिक्षक के पद पर हैं.
पूर्वांचल आदिवासी कुड़मी समाज ने आरक्षण की मांग को लेकर गृह मंत्री को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि इन राज्यों का कुड़मी समाज अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल नहीं होने के कारण आर्थिक और सामाजिक तौर पर काफी पिछड़ गया है.
गृह मंत्री से मांग की गयी है कि अनुसूचित वर्ग में शामिल करने के लिए नयी प्रक्रिया अपनाने की बजाय 1931 की अनुसूचित जनजाति की सूची पर गौर किया जाये.