-
केतु चतुर्थ श्रेणी के पापग्रह है यह किसी राशि का अधिपत्य नही करते है
-
अभी तक केतु तुला राशि में थे अब यह अपना राशि परिवर्तन करके कन्या में गोचर करेंगे
Rahu-Ketu Gochar: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवग्रह में राहु की तरह यह भी एक छाया ग्रह कहलाते है. इनका व्याख्या राहु की तरह है. यह एक पाप ग्रह में आते है.इनका गोत्र जैमनी है यह ध्रूम वर्ण के है केतु को मकान सम्बंधित सम्बन्ध का वर्णन किया गया है . केतु को मंगल की संज्ञा दिया गया है.यह चतुर्थ श्रेणी के पापग्रह है यह किसी राशि का अधिपत्य नही करते है.
जन्म कुंडली में इनका प्रभाव किस राशि में बैठे है उनके स्वामी के अनुसार फल देते है. यदि जन्मकुंडली में केतु उच्च तथा अनुकूल स्थिती में रहे तब अध्यात्मिक प्रवृति वाला तथा दुसरे के पहचान करने वाला ग्रह हो जाते है.
किन्तु यह आकारक अस्थिर तथा अविश्वसनीय ग्रह है यह मोक्ष के मार्ग पर लेकर जाता है. ईश्वर की भक्ति में लीन करवाता है.केतु का मूल सिद्धांत है अपने को कैसे पहचाने कभी -कभी अपनों से गंभीर झगरा करवाते है. केतु के मित्र ग्रह शुक्र, शनि ,और बुध है इनका शत्रु राशि सूर्य चन्द्र मंगल है तथा इनका दिर्ष्टि 5 तथा 7 और 9 है. केतु वयोक्ति के 47 तथा 48 वर्ष के में आयु में खूब तरक्की करवाता है केतु केंद्र तथा त्रिकोण में बैठ जाये तो बहुत ही बढ़िया फल देते है.अभी तक केतु तुला राशि में थे अब यह अपना राशि परिवर्तन करके कन्या में गोचर करेंगे. इस राशि में यह 18 माह रहेगें.
केतु के राशि परिवर्तन से इन राशि को लाभ होगा
मेष ,कर्क कन्या तथा मीन राशि वाले को बेहद लाभ मिलेगा .
कब कर रहे है केतु अपना राशि परिवर्तन
30 अक्तूबर 2023 समय दोपहर 02:13 मिनट पर शुक्र की राशि तुला से निकलकर बुध की राशि कन्या में गोचर करेंगे यह लगभग 18 महिना इस राशि में रहेगे ,
उपाय
-
केतु मन्त्र का जाप करें
-
काले तील, कम्बल, गरीबो को भोजन कराये, संध्या काल में मंदिर में दीपक जलायें
रतन क्या धारण करें
केतु के लिए लहसुनिया रतन धारण करायें.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847