शिक्षक भर्ती परीक्षा से पहले डोमिसाइल नीति लागू करने को लेकर बिहार में खूब बवाल हुआ था.बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से रिजल्ट भी जारी कर दिया है. रिजल्ट आने पर कई अभ्यर्थी और छात्र नेताओं ने इसपर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि बिहार सरकार ने बाहर के राज्य के अभ्यर्थियों को नौकरी दे दी. इसकी जब पूरी जांच हुई तो पता चला कि नौकरी पाने वालों में कई एनआरआई भी हैं. इसपर बिहार सरकार अब खुश हो रही है और अपनी पीठ भी थपथपा रही है.
बिहार सरकार का दावा है कि कान्वेंट विद्यालय एवं केन्द्रीय विद्यालय के भी कई अध्यापक भी आयोग की परीक्षा में पास हुए हैं. इसके साथ ही वे विद्यालय अध्यापक के पद पर योगदान किया है.बिहार सरकार इससे काफी खुश है. जितनी बड़ी संख्या में लोगों ने आवेदन दिया था और जो लोग पास किए हैं. इन आंकड़ों को देखने से यह स्पष्ट है कि बिहार में आकर लोग काम करना चाहते हैं. बताते चलें कि सरकार ने 12 प्रतिशत नियुक्ति अन्य राज्यों से बताई है.आप इसे ऐसे समझ सकते हैं. शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कर के करीब एक लाख 20 हजार 336 शिक्षक बने. इसमें करीब 14 हजार यानी 12 प्रतिशत शिक्षक दूसरे राज्य के हैं.
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सूत्रों के अनुसार बिहार में नौकरी पाने के लिए लोग केरल, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, असम, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, झारखंड, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली एवं प.बंगाल से भी योगदान करने आए हैं. ओमान एवं कतर से भी बिहार के लोग लौटकर इन परीक्षाओं में उत्तीर्ण होकर बिहार में विद्यालय अध्यापक के पद पर योगदान कर रहे हैं सेना,अर्द्धसैनिक बल, रेलवे एवं बैंकों तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियों के भी कई अभ्यर्थियों ने विद्यालय अध्यापक के पद पर योगदान किया है.