राजमहल : मालदा मंडल के डीआरएम विकास चौबे अपनी टीम के साथ जल मार्ग से एलसीटी के माध्यम से राजमहल पहुंचकर स्टेशन का रविवार को निरीक्षण किये. निरीक्षण के दौरान अमृत भारत के तहत हो रहे कार्यों का जायजा भी लिया और निर्माणाधीन कार्य पर संतोषजनक बताते हुए कहा कि कमरे के अंदर की डिजाइन को संशोधित करने के लिए अभियंताओं के साथ विचार-विमर्श किया जायेगा. उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में रेलवे स्टेशन को विकसित किया जा रहा है. राजमहल क्षेत्र में अनेकों पर्यटक स्थल हैं और यहां पर्यटकों का आगमन भी होता रहता है. इसलिए रेलवे की ओर से पर्यटन की दृष्टिकोण में विकास कार्य किया जा रहा है. द्वितीय चरण में पर्यटकों के ठहरने एवं गंगा दर्शन के लिए राजमहल स्टेशन से फ्लाईओवर ब्रिज एवं रोप-वे बनाने की योजना है. अमृत भारत के तहत राजमहल स्टेशन का चयन किया गया है, ताकि ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन अपनी पहचान को पुनर्जीवित करें. यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को रेलवे की ओर से तमाम सुविधाएं उपलब्ध करायी जाये, जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिले. मौके पर स्टेशन प्रबंधक उत्तम कुमार, सहायक स्टेशन प्रबंधक रुपक कुमार, अमित कुमार सहित अन्य रेलवे के पदाधिकारी मौजूद थे.
डीआरएम ने कहा कि राजमहल से पश्चिम बंगाल के मानिकचक के बीच गंगा नदी पर रेल पुल बनने की भी संभावना है. वर्तमान में मालदा रेल डिवीजन अंतर्गत मुंगेर व फरक्का में रेल पुल गंगा नदी में है. राजमहल में गंगा नदी पर रेल पुल बनता है, तो रेलवे का विकास एवं व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा. इस योजना पर रेलवे के वरीय पदाधिकारी मंथन करेंगे.
राजमहल रेलवे स्टेशन को रैक प्वाइंट के रूप में विकसित करने की योजना रेलवे की ओर से बन रही है, ताकि जल मार्ग कनेक्टिविटी से सामानों की ढुलाई हो सके और राजमहल सहित गंगा नदी के पार पश्चिम बंगाल की ओर व्यवसाय को बढ़ावा मिल सके. डीआरएम ने यात्री सुविधाओं का समीक्षा करते हुए कहें कि राजमहल एवं तीनपहाड़ में यात्रियों के लिए उत्पन्न होने वाली विभिन्न समस्याओं का निष्पादन करने का निर्देश संबंधित रेल अधिकारियों को दे दी गयी है, ताकि यात्रियों की सुविधा बहाल हो सके. राजमहल रेलवे स्टेशन के निरीक्षण के उपरांत अपने सैलून से वापसी के क्रम में मौजूद पदाधिकारियों के साथ राजमहल तीनपहाड़ रेलखंड पर ट्रैक एवं ओवरहेड के सेफ्टी की जांच किये. उन्होंने कहा कि यह रूटीन वर्क है.
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