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दुमका की बगबिंधा-डेलीपाथर सड़क जर्जर, लोग पगडंडी पर चलने को मजबूर, 17 सालों से नहीं हुई मरम्मत की पहल

जर्जर सड़क के कारण लोग सड़क की बजाय सड़क के सामानांतर बनी पगडंडी का उपयोग करने के लिए बाध्य हैं. वर्ष 2006-07 में मिट्टी-मोरम तथा ग्रेड वन का कार्य हुआ था. इसके बाद मरम्मत की कोई पहल नहीं हुई है.

दुमका : पीडब्लूडी के हंसडीहा-रामगढ़ मुख्य मार्ग से डेलीपाथर को जोड़ने वाली सड़क जर्जर हो गयी है. लगभग चार किलोमीटर लंबी सड़क में छोटे-बड़े सैकड़ों गड्ढे बन गये हैं. सड़क दुमका जिले के रामगढ़ तथा गोड्डा जिले के पोड़ैयाहाट प्रखंड के दर्जनों गांवों के ग्रामीणों के लिए भालसुमर मंदिर तथा नोनीहाट जाने का निकटतम मार्ग है. पोड़ैयाहाट प्रखंड के मजडीहा, लुसीटांड़, धोबरनी, खोड़ी सिरीष, बरमसिया, मकरा, पंचपहाड़, खोड़ी सीसा, सरमुड़िया तथा रामगढ़ प्रखंड के धोबनी, पंडुआ, बड़ी रणबहियार, ईंटबंधा, पिंडारी, बगबिंधा, सुहोदुहो, घोड़दौड़, पथरिया, डेलीपाथर, लीलातरी, बौड़िया जैसे दर्जनों गांवों के लोग भालसुमर के साथ नोनीहाट तथा दुमका जाने के लिए मार्ग का उपयोग करते हैं. मार्ग के उपयोग से नोनीहाट की दूरी लगभग 15 किलोमीटर कम हो जाती है. लेकिन ये सड़क वर्षों से प्रशासनिक उपेक्षा की शिकार है. वर्ष 2006-2007 में मिट्टी-मोरम तथा ग्रेड वन का कार्य कराया गया था. इसके बाद से सड़क की मरम्मत नहीं करायी गयी है. इस कारण ज्यादातर जगहों पर सड़क पर न केवल पत्थर उभर आये हैं. बल्कि कच्चे रास्ते पर ट्रैक्टरों के गुजरने के कारण सड़क पर छोटे-बड़े सैकड़ों गड्ढे भी बन गये हैं. इस कारण लोग सड़क की बजाय सड़क के सामानांतर बनी पगडंडी का उपयोग करने के लिए बाध्य हैं. सूखे समय में तो लोग पगडंडी के सहारे आवाजाही करते हैं. इस सड़क से गुजरना टेढ़ी खीर है.


हंसडीहा रेलवे स्टेशन पर लोग सुविधाओं से वंचित

दुमका : हंसडीहा स्टेशन से एक दर्जन से भी ज्यादा सवारी सहित भारी संख्या में मालवाहक रेलगाड़ियों का आना जाना है. इतना ही नहीं यहां से गोड्डा के अलावा नयी रेल लाइन मोहनपुर का भी रूट बना है. हंसडीहा रेलवे स्टेशन को जंक्शन की सुविधा के अनुरूप विकसित करने की आवश्यकता है. वहीं, स्टेशन रोड में लगी स्ट्रीट लाइट खराब हुए सात वर्ष हो गये, जिसकी मरम्मत रेलवे के बिजली विभाग ने अब तक नहीं की है, जबकि इस स्टेशन से रात्रि के समय लगभग आधा दर्जन सवारी गाड़ियों का आना-जाना है. स्टेशन से मुख्य सड़क तक घोर अंधेरे में यात्री आना-जान करते हैं. उन्हें चोर उच्चकों का डर सताये रहता है. सड़क पर रोशनी नहीं रहने पर यात्रियों से मोबाइल इत्यादि छिनतई की निरंतर घटना होती रहती है, जबकि इस स्टेशन से रेलवे को टिकट की बिक्री से भी राजस्व में काफी वृद्धि होती जा रही है.

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