Lucknow News: उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है. नए बिजली कनेक्शन लेने पर दरों में इजाफा करने के पावर कॉर्पोरेशन के प्रस्ताव से विद्युत नियामक आयोग सहमत नहीं है. आयोग ने इसे गैरजरूरी माना है. इससे पावर कॉर्पोरेशन को झटका लगा है. प्रस्तावित कॉस्ट डाटा बुक में नए बिजली कनेक्शन को लेकर दरों के मामले में विद्युत नियामक आयोग में उपभोक्ता परिषद ने आपत्ति जताई. उपभोक्ता परिषद ने दलील दी कि पावर कॉर्पोरेशन का ये प्रस्ताव किसी भी लिहाज से ठीक नहीं है और उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ डालना सही नहीं है. वहीं नियामक आयोग भी पावर कॉर्पोरेशन के प्रस्ताव से सहमत नहीं हुआ. फिलहाल इस प्रकरण में फैसला सुरक्षित कर लिया गया है. हालांकि जिस तरह से विद्युत नियामक आयोग ने पॉवर कॉर्पोरेशन के प्रस्ताव को गैरवाजिब बताया है, उससे तय माना जा रहा है कि आम उपभोक्ताओं के नए कनेक्शन की दर में इजाफा नहीं किया जाएगा.
नए बिजली कनेक्शन की दर और उपभोक्ता सामग्रियों की दरों का निर्धारण नई कॉस्ट डाटा बुक के आधार पर ही किया जाता है. यूपी पावर कॉर्पोरेशन ने आम जनता के लिए नए कनेक्शन पर 30 से 35 प्रतिशत और उद्योगों के लिए 100 प्रतिशत के इजाफे का प्रस्ताव दिया है. इसे लेकर विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार, सदस्य बीके श्रीवास्तव व संजय कुमार सिंह की उपस्थिति में आयोग सभागार में विद्युत आपूर्ति कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी की बैठक हुई. इसमें कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने नए प्रस्ताव रखे. वहीं नोएडा पावर कंपनी की ओर से कॉस्ट डाटा बुक को अनुमोदित करने की मांग की गई.
इस पर उत्तर प्रदेश विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पावर कॉर्पोरेशन सिंगल फेस मीटर 768 रुपये में खरीद रहा है और जबकि 1124 रुपए प्रस्ताव दिया है. इसी तरह थ्री फेस मीटर की कीमत करीब 1,845 रुपए से 3,213 रुपए, 25 केवीए वितरण ट्रांसफार्मर की जीएसटी सहित कीमत 60,907 रुपए से 74,198 रुपए करने का प्रस्ताव दिया है. बीपीएल को छोड़कर सभी विद्युत उपभोक्ताओं की प्रोसेसिंग दरों में 100 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव है, जबकि ऑनलाइन प्रोसेसिंग का आधे से ज्यादा काम विद्युत उपभोक्ता खुद करता है. छोटे व बडे़ उद्योगों की सिक्योरिटी राशि में लगभग 100 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव है. इससे नया कनेक्शन लेने वालों को झटका लगेगा.
बताया जा रहा है कि आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने इस तरह इजाफे के प्रस्ताव को गैरजरूरी माना. हालांकि फिलहाल उन्होंने फैसला सुरक्षित कर लिया है. संभावना जताई जा रही है कि बिजली कनेक्शन और सामग्री की दरों में वृद्धि नहीं की जाएगी. बैठक में मध्यांचल के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगरौत, निदेशक (वितरण) जीडी द्विवेदी आदि मौजूद रहे.
इस बीच बताया गया है कि उत्तर प्रदेश में अभी तक करीब 15 से 20 प्रतिशत कनेक्शन महिलाओं के नाम हैं. उपभोक्ता परिषद ने ग्रामीण महिला के नाम बिजली कनेक्शन लेने पर 33 प्रतिशत और शहरी महिला को 15 प्रतिशत छूट देने की मांग की है. इस पर नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने पावर कॉर्पोरेशन से उनका राय मांगी. कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक ने कहा कि विद्युत वितरण निगम वाणिज्य संस्थान है. ऐसे में इस मुद्दे पर विद्युत नियामक आयोग या सरकार के स्तर से ही फैसला किया जा सकता है.