Karwa Chauth Vrat 2023: करवा चौथ की तैयारियों को लेकर सोमवार को लखनऊ राजधानी के मार्केट में महिलाओं की भीड़ रही है. मार्केट में गहने से लेकर परिधान और कॉस्मेटिक, पूजन सामग्री, कपड़े व 16 शृंगार की महिलाओं ने खरीदारी की. करवा चौथ के लिए मार्केट में महिलाओं की पसंद में ऑर्गेन्जा पैटर्न साड़ी और राजस्थानी पोशाक की अच्छी मांग है. इसके अलावा डिजाइनर सूट और साड़ी भी महिलाओं को खूब लुभा रहे हैं. पारंपरिक लाल रंग के वस्त्र की सबसे अधिक मांग है. करवाचौथ पर अधिकतर महिलाएं लाल रंग की साड़ी, सूट पहनना पसंद करती हैं, इसलिए बाजार में लाल रंग के सूट और साड़ी की खरीदारी को लेकर महिलाओं में ज्यादा उत्साह है. करवा चौथ व्रत को लेकर सोमवार को बाजार में चहल-पहल रही, जहां सुहागिन महिलाओं ने 16 शृंगार की खरीदारी के साथ-साथ मेहंदी रचायी, वहीं पतियों ने भी पत्नियों के लिए तोहफे खरीदे.
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करवा चौथ की तिथि 31 अक्टूबर 2023 दिन मंगलवार की रात्रि 9 बजकर 30 मिनट से शुरू हो जाएगी.
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वहीं 1 नवंबर को चंद्र दर्शन के बाद रात 9 बजकर 10 मिनट पर समाप्त हो जाएगी.
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पूजा का शुभ समय 1 नवंबर शाम 5 बजकर 54 मिनट से लेकर 7 बजकर 02 मिनट तक रहेगा.
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चंद्रोदय का समय 1 नवंबर रात 8 बजकर 26 मिनट पर रहेगा.
ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री ने बताया कि करवा चौथ पर बुधवार दिन, मृगशिरा नक्षत्र, परिघ योग का उत्तम संयोग बन रहा है. इसके अलावे इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग एवं शिव योग का सुयोग भी बन रहा है. यह व्रत सुहागिन और कई राज्यों में अविवाहित भी रखती हैं. इस दिन स्त्रियां पति की मंगल कामना एवं दीर्घायु के लिए निर्जल रखती हैं. सुहाग पर्वके दिन न केवल चंद्र देवता की पूजा होती है, बल्कि शिव-पार्वती और कार्तिकेय की भी पूजा की जाती है. कथा सुनने के साथ ही भगवान गणेश, चौथ माता और फिर चंद्र देव की पूजा की जाती है. सेहत के नजरिए से भी व्रत खास है. शरद ऋतु के दौरान शरीर में पित्त बढ़ता है. इससे होने वाली बीमारियों से बचने के लिए ये व्रत रखा जाता है. इस कारण महिलाएं दिनभर बिना पानी पिये रहती हैं और रात में मिट्टी के बर्तन से पानी पीकर व्रत खोलती है. ऐसा करने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है.
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01. करवा: मिट्टी के करवे में पंचतत्व में विशेष तौर पर वायु और जल सम्मिश्रण रहता है. यह मन को नियंत्रित करने का भौतिक अनुक्रम बनाता है.
02. दीपक: जिस प्रकार दीपक की ज्योति वातावरण को आलोकित करती है, उसी प्रकार से हमारे जीवन में भी प्रेम स्नेह और सामंजस्य का प्रकाश विद्यमान रहे.
03. छलनी: चंद्रमा को अर्घ्यदेने के बाद छलनी या छिद्र पात्र का उपयोग किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि चंद्रमा की सीधी रोशनी या सीधी किरणें सौभाग्यवती स्त्री पर न पड़ें.
04. कुमकुम: सौभाग्य सामग्री का विशेष उपकरण है. यह शरीर को प्राकृतिक आंतरिक सुंदरता प्रदान करके चेहरे पर चमक देता है.
05. अबीर: पुष्पा के चूर्ण से निर्मित श्वेत रंग का यह परिवार में प्रसन्नता को व्याप्त करने की दृष्टि से अर्पित किया जाता है.
06. गुलाल: निरंतर मंगलकामनाओं के साथ मांगलिक कार्य परिवार में होता रहे, उस भावना की दृष्टि से इस अर्पित किया जाता है.
07. अक्षत: अक्षत यानी जिसकी क्षति न हुई हो. परमेश्वर से अक्षत की तरह ही अपनी पूजा को क्षतिहीन यानी पूर्ण बनाने की प्रार्थना करते हैं.
दिल्ली : चंद्रोदय रात 08 बजकर 15 मिनट पर होगा.
मुंबई : चंद्रोदय रात 08 बजकर 59 मिनट पर होगा.
पुणे : चंद्रोदय रात 08 बजकर 56 मिनट पर होगा.
कोलकाता : चंद्रोदय रात 07 बजकर 46 मिनट पर होगा.
पटना : चंद्रोदय रात 07 बजकर 51 मिनट पर होगा.
लखनऊ : चंद्रोदय रात 08 बजकर 05 मिनट पर होगा.
वडोदरा : चंद्रोदय रात 08 बजकर 49 मिनट पर होगा.
कानपुर : चंद्रोदय रात 08 बजकर 08 मिनट पर होगा.
प्रयागराज : चंद्रोदय रात 08 बजकर 05 मिनट पर होगा.
बनारस : चंद्रोदय रात 08 बजकर 00 मिनट पर होगा.
जयपुर : चंद्रोदय रात 08 बजकर 19 मिनट पर होगा.
जोधपुर : चंद्रोदय रात 08 बजकर 26 मिनट पर होगा.
उदयपुर : चंद्रोदय रात 08 बजकर 41 मिनट पर होगा.
भोपाल : चंद्रोदय रात 08 बजकर 29 मिनट पर होगा.
जबलपुर : चंद्रोदय रात 08 बजकर 19 मिनट पर होगा.
अहमदाबाद : चंद्रोदय रात 08 बजकर 50 मिनट पर होगा.
देहरादून : चंद्रोदय रात 08 बजकर 06 मिनट पर होगा.
शिमला : चंद्रोदय रात 08 बजकर 07 मिनट पर होगा.
चेन्नई : चंद्रोदय रात 08 बजकर 43 मिनट पर होगा.
बेंगलुरु : चंद्रोदय रात 08 बजकर 54 मिनट पर होगा.
रांची : रात 07 बजकर 56 मिनट पर होगा.
रायपुर : चंद्रोदय रात 08 बजकर 17 मिनट पर होगा.