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देवरिया नरसंहार: घायल अनमोल 28 दिन के बाद हुआ डिस्चार्ज, घटना के बाद 2 अक्टूबर से चल रहा था उसका इलाज

देवरिया नरसंहार में हुए गंभीर रूप से घायल अनमोल दुबे को गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने डिस्चार्ज कर दिया है. पिछले 28 दिनों से अनमोल का इलाज ट्रॉमा सेंटर में चल रहा था. मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने उसके स्वस्थ होने के बाद उसकी बहन और बहनोई को उसे सौंप दिया है.

देवरिया जनपद के फतेहपुर गांव में हुई नरसंहार में घायल 10 वर्षीय अनमोल दुबे को 28 दिन के बाद डॉक्टरों ने डिस्चार्ज कर दिया है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ गणेश कुमार ने अनमोल को पुलिस की सुरक्षा में उसके बहन बहनोई को सौंपा और उसके स्वस्थ जीवन की कामना की. नरसंहार में घायल अनमोल दुबे को गंभीर अवस्था में पुलिस ने 2 अक्टूबर को बीआरडी मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया था. तब से उसका इलाज वही चल रहा था.

सर में लगे थे 15 टांके

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर के आईसीयू में अनमोल को भर्ती किया गया था. अनमोल के सर में गंभीर चोटे आई थी. सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर योगेश पाल, प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर नीरज नथानी व न्यूरोसर्जन डॉक्टर अनिंघ गुप्ता उसका उपचार कर रहे थे. घायल अनमोल दुबे के सर में 15 टांके लगे थे. भर्ती होने के 72 घंटे बाद उसकी तबीयत में सुधार होने लगा था. उसका हाल-चाल लेने के लिए इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक समेत कई जनप्रतिनिधियों ने मेडिकल कॉलेज का दौरा भी किया.

इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को बेहतर उपचार करने का निर्देश दिया. 28 दिन के इलाज के बाद सोमवार को डॉक्टर ने उसे डिस्चार्ज कर दिया. डिस्चार्ज होते समय मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों व अनमोल की आंखों में आंसू आ गए थे. फिलहाल बीआरडी मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर गणेश कुमार ने बच्चों को पुलिस की सुरक्षा में उसकी बहन बहनोई को सौंपा.

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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद के फतेहपुर गांव में 2 अक्टूबर को लेहड़ा टोला में जमीनी विवाद को लेकर 6 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी. जिसमें गंभीर रूप से घायल अनमोल दुबे को पुलिस ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया था. जहां उसका पुलिस सुरक्षा के बीच इलाज हुआ. इस हत्याकांड ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया. जिसने भी इस जघन्य हत्याकांड के बारे में सुना गमगीन हो उठा. 2 अक्टूबर की सुबह उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में 35 मिनट में दो परिवार के 6 लोगों की हत्या कर दी गई. इस हत्या की खबर पूरे प्रदेश में आग की तरह फैल गई.

इस हत्याकांड में बच्चों के सामने ही उसके मां-बाप की हत्या कर दी गई बच्चा जान की सलामती के लिए गड़ता रहा लेकिन हत्यारों का दिल नहीं पसीजा. हत्यारे ने 10 वर्षीय अनमोल दुबे को भी मरा समझ कर छोड़ा. लेकिन पुलिस के पहुंचने पर उसकी सांसे चल रही थी. जिसके बाद आनन फानन में पुलिस ने उसे गोरखपुर की बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया. इस हत्याकांड के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों का गुस्सा फूटा और दूसरे राजनीतिक दलों ने भी सरकार की निंदा की. मामला तुल पकड़ने लगा तो हत्याकांड की बात प्रशासन हरकत में आया और नरसंहार में शामिल देश नाम जो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

क्या है पूरा मामला

उत्तर प्रदेश की देवरिया जनपद के फतेहपुर गांव की लेहड़ा टोला की रहने वाली साधु दुबे अपनी 10 बीघा जमीन गांव को दूसरे टोले के रहने वाले पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव को बेच कर उसके घर पर ही रहते थे. इसका विरोध साधु दुबे के भाई सत्य प्रकाश दुबे कर रहे थे.इस बात को लेकर प्रेमचंद यादव और सत्य प्रकाश दुबे से काफी दिनों से भी बात चल रहा था लेकिन प्रेमचंद यादव की दबंग प्रवृत्ति की चलती सत्य प्रकाश दुबे दबते थे हालांकि कागजी कार्रवाई में पीछे नहीं रहे .वह हर जगह अपना पक्ष रखते रहे. यही विवाद चल रहा था. जो 2 अक्टूबर के दिन 6 लोगों की हत्या की वजह बन गई.

रिपोर्ट– कुमार प्रदीप, गोरखपुर

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