पश्चिम बंगाल में राज्यपाल ने मंत्रियों और विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी है. ऐसे में नवंबर के प्रथम सप्ताह में विधानसभा में विशेष सत्र बुलाया जायेगा. विधानसभा सूत्रों के अनुसार, विशेष सत्र के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) की मंजूरी के बाद औपचारिक प्रक्रिया शुरू की जायेगी. 7 से 9 नवंबर के बीच विशेष सत्र आयोजित की जा सकती है. विधानसभा में सत्तपक्ष की ओर से मंत्रियों और विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी से जुड़े दो बिल के साथ जीएसटी बिल भी पेश किया जायेगा. इस बीच, नौ नवंबर को कैबिनेट की बैठक भी होगी. खबर है कि अगर विधानसभा का विशेष सत्र एक या दो दिनों तक चला, तो इस दौरान विधानसभा में ही कैबिनेट की बैठक कर सकती हैं.
बैठक में वन व औद्योगिक पुनर्निर्माण विभागों के बारे में निर्णय लिया जा सकता है. ज्योतिप्रिय मल्लिक इन दोनों विभागों के मंत्री हैं. वन विभाग की राज्य मंत्री बीरबाहा हांसदा हैं. ऐसे में बीरबाहा को पूर्ण प्रभार मिल सकता है. विधानसभा का शीतकालीन सत्र चार दिसंबर से शुरू होने वाला है. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने विधायकों व मंत्रियों के वेतन वृद्धि से संबंधित विधेयक को पारित करने के लिए पूजा से पहले एक विशेष सत्र बुलाया था. लेकिन उस समय बिल पास नहीं हो सका, क्योंकि राज्यपाल ने बिल को मंजूरी नहीं दी थी. हालांकि,अब राज्यपाल ने इस बिल को मंजूरी दे दी है.
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राशन भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व खाद्य मंत्री व वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक की गिरफ्तारी के बाद तृणमूल पर एक के बाद राजनीतिक दल के नेता कटाक्ष कर रहे हैं. कांग्रेस नेता व वकील कौस्तुभ बागची ने तृणमूल सरकार पर जमकर कटाक्ष किया. उन्होंने यह भी कहा कि दोषियों को छिपाने के लिए मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी को गिरफ्तार किया जाना चाहिए. साथ ही बागची ने बैरकपुर के सांसद अर्जुन सिंह को लेकर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि अर्जुन सिंह को तृणमूल में नहीं रहना चाहिए. पार्टी बदलनी चाहिए. लोगों का विश्वास हासिल करने के लिए सांसद अर्जुन सिंह को तृणमूल छोड़ देना चाहिए.
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