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All Souls Day 2023: आज मनाया जाता है ऑल सोल्स डे, ईसाई धर्म के लोग के लिए आज का दिन है खास

All Souls Day 2023: इस बार 02 नवबंर 2023 गुरुवार के दिन ऑल सोल्स डे पड़ रहा है.पौराणिक मान्‍यताओ के अनुसार इस दिन ईसाई समुदाय के लोग अपने-अपने पूर्वजो की कब्रिस्‍तानो पर पुष्‍प, माला, मोमबत्ती आदि जलाकर उन्‍हे श्रद्धांजली अर्पित करते है.

All Souls Day 2023: हर साल दूसरे नवंबर को ईसाई धर्म के अनुयायी द्वारा ऑल सोल्स डे (All Souls Day) के रूप में मनाया जाता है, जो की इस बार 02 नवबंर 2023 गुरुवार के दिन पड़ रहा है.पौराणिक मान्‍यताओ के अनुसार इस दिन ईसाई समुदाय के लोग अपने-अपने पूर्वजो की कब्रिस्‍तानो पर पुष्‍प, माला, मोमबत्ती आदि जलाकर उन्‍हे श्रद्धांजली अर्पित करते है.तथा सभी पूर्वजो की आत्‍मा की शांति के लिए भगवान से प्ररेणा करते है।

All Souls Day 2023: ऑल सोल्स डे का इतिहास

ऑल सोल डे को सबसे पहले क्लूनी के संत ओडिलो द्वारा मृतकों की स्मृति में मान्यता दी गई थी.इस प्रथा को संत ओडिलो द्वारा अपनाया गया था जो पूरे पश्चिमी चर्च द्वारा किया जाता है और पूरे शहर में तेजी से फैला हुआ था.और अब यह अवसर यूरोप की सबसे महत्वपूर्ण घटना बन गया.

All Souls Day 2023: छोटे स्तर पर मनाये जाने वाला दिवस विश्व भर में मनाया जाने लगा

धर्म के जानकार लोग कहते है इस दिन स्वर्ग में बैठे उनके अपने लोगों की आत्माएं उनके लिए दुआ करती हैं. वो इस बात का एहसास दिलाती है कि वो वहां बेहद खुश है. दरअसल ‘ऑल सोल्स डे’ फ्रांस की देन है जिसे 998 एडी में पहली बार मनाया गया था. छोटे स्तर पर लोगों ने मरे लोगों की आत्माओं के सम्मान में इस दिन को ‘ऑल सोल्स डे’ के रूप में मनाया था. माना जाता है इसकी शुरुआत पहले बेहद छोटे स्तर पर हुई थी, लेकिन एक दशक के अंदर ये दिन विश्व भर में मनाया जाने लगा.

All Souls Day 2023: इसलिए कहा जाता है इसे आत्माओं का दिवस

इसे ईसाई धर्म के लोग आत्माओं का दिवस के रूप में भी मनाते हैं. ईसाई धर्म के जानकारों की मानें तो इस दिन मृत आत्माओं को जो स्वर्ग में बैठे हैं उनके लिए उनके स्वजन दुआएं करते हैं. वह इस बात की तस्दीक करते हैं कि उनके पूर्वजों की आत्माएं वहां स्वर्ग में बेहद खुश हैं. ‘ऑल सोल्स डे’ पहली बार फ्रांस में 998 एडी में मनाया गया था.

All Souls Day 2023: ऐसे मनाया जाता है ‘ऑल सोल्स डे’

कई जगहों पर और कई देशों में ईसाई धर्म के लोग इस दिन दिन घंटी, मोमबत्ती जलाकर अपनी पूर्वजों को याद करते हैं. कुछ जगहों पर तो बच्चों को केक खिलाकर इस दिन को मनाया जाता है. इस दिन भजन गाने की भी परंपरा है. कई जगहों पर इस दिन को दुखी होकर नहीं बल्कि हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इसके लिए कब्रिस्तान सहित चर्च में प्रर्थाना सभा का आयोजन किया जाता है.

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