Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक क्लूसिव एलायंस (I-N-D-I-A) के घटक दलों में सीटों पर दावेदारी पेश करने का सिलसिला शुरू हो गया है. लोकसभा की सबसे ज्यादा 80 सीटें उत्तर प्रदेश में हैं. हर सीट में विभिन्न दलों से नेता अभी से अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. ऐसे में घटक दलों के बीच सीट बंटवारे का मामला आसानी से सुलझने की उम्मीद नहीं है. समाजवादी पार्टी की ओर से इस बारे में लगातार बयान सामने आ रहे हैं. इन बयानों ने विपक्ष के गठबंधन के साथियों की अभी से नींद उड़ा दी है. खासतौर से सपा की ओर से सीटों के दावों को लेकर बयान से कांग्रेस नेता उलझन में हैं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के 65 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं. इसके बाद सियासी हलचल बढ़ गई है. खास तौर से यूपी कांग्रेस को झटका लगा है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने इस विषय में शीर्ष नेतृत्व से चर्चा करने की बात कही है.
इस बीच उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सीट बंटवारे पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि ये सभी सीजनल लोग हैं. जब चुनाव आता है तो जनता को धोखा देने के लिए ऐसी हरकतें करते हैं. जहां तक गठबंधन की बात है, इतिहास पर नजर डालें तो देश की जनता जानती है कि किसी भी गठबंधन में आगे चलकर क्या होता है. न कांग्रेस, न समाजवादी पार्टी, इनमें से किसी की भी किसी गठबंधन के प्रति कोई जवाबदेही नहीं है, वे उसके प्रति ईमानदार नहीं हैं. लेकिन, जनता सब जानती है. यह गठबंधन उनके व्यक्तिगत लक्ष्यों के लिए है. उन्हें लोगों के कल्याण से कोई सरोकार नहीं है. यह सब उनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार से खुद को बचाने के लिए है.
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दरअसल, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को प्रदेश कार्यकारिणी की अहम बैठक की थी. इस बैठक में उन्होंने उत्तर प्रदेश में 65 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के संकेत दिए. साथ ही उन्होंने 15 सीटें गठबंधन को देने को कहा. वहीं गठबंधन न होने की सूरत में 80 सीटों पर सपा अकेले चुनाव लड़ने को तैयार है.
सपा के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने बताया कि राज्य कार्यकारिणी की बैठक में वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर मंथन हुआ. जिसमें सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बताया कि सपा विपक्ष के इंडिया गठबंधन का हिस्सा है. साथ ही उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा दल है. सपा 80 में से 65 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और 15 सीटें दूसरे दलों को देने का काम करेगी. अगर सपा गठबंधन में नहीं जाएगी तो वह भाजपा को 80 सीटों पर हराने का काम करेगी. इस तरह बात नहीं बनने पर सपा सभी 80 सीटों पर भी लड़ने की तैयारी कर रही है.
अखिलेश यादव के मुताबिक वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में 3.50 लाख मतों के अंतर से भाजपा ने समाजवादी पार्टी को सत्ता में नहीं आने दिया. भाजपा अभी भी समाजवादी पार्टी के मतदाताओं के वोट काटने की साजिश में लगी है. भाजपा के षड्यंत्रों से समाजवादी पार्टी डरने वाली नहीं है. इस लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए जातीय जनगणना बहुत जरूरी है. बैठक में यह संदेश भी दिया गया कि लोकसभा चुनाव इंडिया गठबंधन के तहत लड़ा जाएगा. लेकिन, मध्य प्रदेश का अनुभव हम सबके सामने है, इसलिए सभी सीटों पर संगठन को मजबूत किया जाए.
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार शासन-प्रशासन का दुरुपयोग कर चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश करेगी. इसलिए पार्टी कार्यकर्ता इसकी निगरानी में लग जाएं. उन्होंने कहा कि जनता को बिजली के बढ़े हुए बिल थमा कर भाजपा सरकार उनका शोषण करती रही है. शिक्षा-स्वास्थ्य और कानून-व्यवस्था चौपट है. भाजपा ने किसानों और नौजवानों की उपेक्षा की है. हर स्तर पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है. बैठक में शिवपाल सिंह यादव और सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव समेत तमाम बड़े नेता और पदाधिकारी मौजूद रहे.
उधर सपा के इन दावों और बयानबाजी के बाद यूपी कांग्रेस भी सतर्क हो गई है. पार्टी के नेता केंद्रीय नेतृत्व से इस संबंध में बात करने की तैयारी में हैं. प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि फिलहाल हमारा शीर्ष नेतृत्व अलग अलग राज्यों में हो रहे चुनाव में व्यस्त है. बातचीत के बाद तय होगा कि यूपी में कांग्रेस लोकसभा चुनाव को लेकर क्या रणनीति अपनाएगी.