आगरा नगर निगम स्थित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में लगे हुए कैमरे अब अन्य काम की तरह डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन पर भी नजर रखेंगे. कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में करीब 1500 कैमरों की मदद से गली, चौराहे और कॉलोनी से फोटो नगर निगम के कमांड सेंटर में पहुंचेगी. साथ ही सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति भी कमांड सेंटर पर फोटो सहित लगाई जाएगी. कूड़ा कलेक्ट करने वाली हर गाड़ी में जीपीएस डिवाइस लगाई जाएगी. जिससे गाड़ी की लोकेशन के बारे में जानकारी मिल सके. साथ ही आगरा में मौजूद कूड़े और सड़कों में होने वाले गड्ढों की फोटो भी इन कैमरा की मदद से कमांड सेंटर में पहुंचाई जाएगी.
आगरा के कई पार्षदों ने नगर निगम के अधिकारियों से कई बार शिकायत की है. उनका कहना है कि नगर निगम की तरफ से कूड़ा उठाने वाली जो गाड़ी है. वह नियमित तरीके से संचालित नहीं हो रही है. कुछ दिन गाड़ी चलती है और बीच में अचानक से गायब हो जाती है. कई दरवाजों पर गाड़ी कूड़े के लिए रूकती ही नहीं है. ऐसे में नगर निगम के अधिकारियों ने पार्षदों की शिकायत का संज्ञान लेते हुए यह निर्णय लिया है. और स्मार्ट सिटी के कमांड सेंटर से कूड़ा उठाने की गाड़ियों की निगरानी की व्यवस्था बनाई गई है.
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कैमरे द्वारा कूड़ा गाड़ियों की निगरानी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से किए जाने की प्रेजेंटेशन सभी वार्डों के पार्षदों को दे दी गई है. जिससे पार्षद काफी संतुष्ट हैं. पार्षद शरद चौहान का कहना है कि स्मार्ट सिटी के अंतर्गत 1500 कैमरे लगाए गए हैं. यह सभी कैमरे कमांड और कंट्रोल सेंटर से जुड़े हुए हैं. इन कैमरा की मदद से कूड़े के उठान पर निगरानी रखी जाएगी. कूड़ा उठाने वाली हर गाड़ी में जीपीएस लगाया जाएगा. जिससे यह पता करने में आसानी होगी की गाड़ी सड़क से ही वापस ना लौट रही हो. गली और कॉलोनी के अंदर कूड़ा उठा रही है या नहीं.
बता दें व्यवस्था शुरू होने के बाद कमांड सेंटर पर सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति भी लगना शुरू हो जाएगी. सफाई कर्मचारियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति को कमांड सेंटर से लिंक कर दिया गया है. कर्मचारी द्वारा उपस्थिति लगाते ही उसकी फोटो कमांड सेंटर पर दर्ज हो जाएगी. जिससे पता चल जाएगा कि कर्मचारी अपने लोकेशन पर पहुंच चुका है. इसके साथ ही नगर निगम के वाहनों से डीजल चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने में भी इससे काफी मदद मिलेगी.नगर निगम द्वारा बताया गया की कमांड सेंटर से संचालित 1500 कैमरा की संख्या बढ़ाई जा सकती है. इनकी संख्या 4200 तक कर दी जाएगी. जिससे हर कैमरे के रेडियस में कूड़े के ढेर या गड्ढा आने पर उसकी फोटो खिचेगी. और सीधे कमांड सेंटर पर आ जाएगी. इसके बाद उसे फोटो को संबंधित अधिकारी और पार्षद को भेजा जाएगा जिससे त्वरित कार्रवाई हो सके.