दिवाली की पूजा के समय किसी तरह की भूल-चूक न हो, इसके लिए पहले से पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट की जानकारी होनी चाहिए. पहले से पूजन सामग्री की लिस्ट तैयार कर लेने पर पूजा के समय गलती की संभावना नहीं रहती है और विधि-विधान से पूजा की जाती है. दिवाली आने से पहले आपने भी अभी तक पूजन सामग्री नहीं जुटाई है तो यहां से नोट कर लें.
लकड़ी की चौकी, चौकी को ढकने के लिए लाल या पीला वस्त्र, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां, कुमकुम, चंदन, हल्दी, रोली, अक्षत, पान और सुपारी, साबुत नारियल, अपनी भूसी के साथ, अगरबत्ती, दीपक के लिए घी, पीतल का दीपक या मिट्टी का दीपक, कपास की बत्ती, पंचामृत, गंगाजल, पुष्प, फल, कलश, जल, आम के पत्ते, कपूर, कलावा, साबुत गेहूं के दाने, दूर्वा घास, जनेऊ, धूप, एक छोटी झाड़ू, आरती की थाली
दिवाली की सफाई के बाद घर के हर कोने को साफ करके गंगाजल छिड़कना चाहिए.
इसके बाद लकड़ी की चौकी पर लाल सूती कपड़ा बिछाएं और बीच में मुट्ठी भर अनाज रखें.
कलश को अनाज के बीच में रखें और कलश में जल भरकर एक सुपारी, गेंदे का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डालें.
कलश पर 5 आम के पत्ते गोलाकार आकार में रखें, इसके बाद बीच में देवी लक्ष्मी की मूर्ति और कलश के दाहिनी ओर भगवान गणेश की मूर्ति रखें.
एक छोटी-सी थाली में चावल के दानों का एक छोटा सा पहाड़ बनाएं, हल्दी से कमल का फूल बनाएं, कुछ सिक्के डालें और मूर्ति के सामने रखें दें.
अब देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश को तिलक करें और दीपक जलाएं, इसके साथ ही कलश पर भी तिलक लगाएं.
अब भगवान गणेश और लक्ष्मी को फूल चढ़ाएं, इसके बाद पूजा के लिए अपनी हथेली में कुछ फूल रखें.
लक्ष्मीजी की मूर्ति लें और उसे जल से स्नान कराएं और उसके बाद पंचामृत से स्नान कराएं.
मूर्ति पर हल्दी, कुमकुम और चावल डालें. माला को देवी के गले में डालकर अगरबत्ती जलाएं.
नारियल, सुपारी, पान का पत्ता माता को अर्पित करें. देवी की मूर्ति के सामने कुछ फूल और सिक्के रखें.
पूजा की घंटी बजाएं और लक्ष्मी जी की आरती करें.