सेतु पांडुलिपि पुरस्कार-2023 सुपरिचित कथाकार राजू शर्मा की पांडुलिपि मतिभ्रम को दिये जाने की घोषणा की गयी है. वरिष्ठ कथाकार ममता कालिया की अध्यक्षता में गठित एक चयन समिति ने यह फैसला किया है. चयन समिति के अन्य सदस्यों में कथाकार एवं तद्भव पत्रिका के संपादक अखिलेश, कवि मदन कश्यप और सेतु प्रकाशन की प्रबंधक अमिता पाण्डेय शामिल थीं. निर्णायक मंडल ने पुरस्कार के लिए आयी 115 पांडुलिपियों में से यह चयन सर्वसम्मति से किया.
पुरस्कृत पांडुलिपि के बारे में निर्णायक मंडल की अध्यक्ष ममता कालिया ने कहा, फॉर्मूला लेखन के विपरीत मतिभ्रम एक मजबूत उपन्यास है, क्योंकि लेखक ने बड़ी निर्भीकता और बेबाकी से ऐसे विषय को उठाया, जिस पर लिखने के अपने खतरे हैं. नौकरशाही के स्याह-सफेद पक्षों को पारदर्शी तरीके से हमारे सामने रखता यह उपन्यास दरअसल, आज का एक सशक्त दस्तावेज है.
कथाकार अखिलेश ने कहा, आज के समय में जो गहमागहमी है, जो पावर स्ट्रक्चर है, उसका एक विखंडन मतिभ्रम में बहुत तीखे तरीके से प्रस्तुत किया गया है. निर्णायक मंडल ने पुरस्कृत पांडुलिपि के साथ ही एक और पांडुलिपि भारत से कैसे गया बौद्ध धर्म की संस्तुति की है, जिसके लेखक चंद्रभूषण हैं.