ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के लिए इस विश्व कप में हालात बिलकुल ही अलग रहे हैं जहां एक टीम विश्व कप तालिका में सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए मजबूती से आगे बढ़ रही है तो वहीं दूसरी निचले पायदान पर है. अब शनिवार को एशेज श्रृंखला की दोनों प्रतिद्वंद्वी टीमें आमने सामने होंगी जिसमें उनकी कोशिश एक दूसरे को हराने की होगी.
पांच बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया ने अपनी बल्लेबाजी की बदौलत लगातार चार जीत से अपने खराब अभियान को पटरी पर वापसी करायी जिससे वह आठ अंक लेकर तीसरे स्थान पर चल रही है. गत चैंपियन इंग्लैंड को अपने बल्लेबाजों की विफलता के कारण चार हार का सामना करना पड़ा और टीम पिछले तीन मैचों में 170 रन या इससे कम के स्कोर पर आउट हो गयी.
इस मैच से पहले दोनों टीम अलग अलग तरह की समस्याओं से जूझ रही हैं. ऑस्ट्रेलिया को अपने दो अहम खिलाड़ियों मिशेल मार्श और ग्लेन मैक्सवेल की अनुपलब्धता के लिए विकल्प ढूंढने होंगे. मार्श को निजी कारण से स्वदेश लौटना पड़ा तो मैक्सवेल को गोल्फ कार्ट से गिरने से ‘कनकशन’ (सिर में चोट) हो गया.
शीर्ष क्रम में मार्श जबरदस्त फॉर्म में दिख रहे थे जबकि मैक्सवेल अंत में पारी को मजबूती दे रहे थे और उन्होंने विश्व कप में सबसे तेज शतक भी जड़ा. इनकी अनुपस्थिति में कैमरन ग्रीन और मार्कस स्टोइनिस के शनिवार को टीम में शामिल होने की संभावना है.
इंग्लैंड ने जीत की कोशिश में सभी संयोजन आजमाए जिससे शनिवार के मैच के लिए भी उनके अंतिम एकादश में बदलाव की उम्मीद है. टीम इसी स्टेडियम में शुरुआती मैच में न्यूजीलैंड से हार गयी थी. हैरी ब्रुक के वापसी की उम्मीद है जबकि चोटिल रीस टॉप्ले की जगह आये ब्राइडन कार्स के भी मैच में खेलने की उम्मीद है.
इंग्लैंड को 2025 में चैंपियस ट्रॉफी के लिए क्वालीफाई करने की उम्मीदों को जीवंत बनाये रखने के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाना होगा. विश्व कप में शीर्ष सात टीमें ही पाकिस्तान में 50 ओवर के टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई कर पायेंगी. दोनों टीमों के बीच मैचों के इतिहास को देखें तो इंग्लैंड ने वनडे में ऑस्ट्रेलिया से 155 भिड़ंत में 87 मैच गंवाये हैं जबकि विश्व कप में टीम 3-6 से पीछे है.
लेकिन इंग्लैंड की टीम अकसर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सफल रही है. इसका सबसे अच्छा उदाहरण इस साल की एशेज श्रृंखला है जो 2-2 से बराबर रही थी. वहीं आस्ट्रेलिया भी रिकॉर्ड तोड़ने की ओर बढ़ रही है, उसने लगातार तीन बार 350 रन या इससे ज्यादा का स्कोर बनाया है. ऑस्ट्रेलिया के लिए अभी तक टूर्नामेंट में पांच शतक बने हैं जिसमें से दो डेविड वॉर्नर के नाम रहे हैं. वहीं इंग्लैंड अभी तक एक ही शतक बना पाया है.
सलामी बल्लेबाज ट्रेविस हेड ने चोट के बाद वापसी करते हुए न्यूजीलैंड के खिलाफ शानदार शतक जमाया जबकि स्टीव स्मिथ और मार्नस लाबुशेन अच्छी लय में दिख रहे हैं. लेकिन स्टोइनिस को बड़ी जिम्मेदारी निभानी होगी क्योंकि मैक्सवेल ने पारी के अंत में अच्छा प्रदर्शन किया है. ग्रीन को भी एक और मौका मिलने पर इसका फायदा उठाना होगा.
गेंदबाजी की बात करें तो मिचेल स्टार्क न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व कप के पिछले 24 वनडे में पहली बार विकेट लेने में असफल रहे जिससे वह इंग्लैंड के बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त करना चाहेंगे. जोश हेजलवुड और पैट कमिंस ने भी आठ-आठ विकेट चटकाये हैं जबकि एडम जम्पा ने 16 विकेट लेकर बेहतरीन प्रदर्शन किया है.
इंग्लैंड के लिए डेविड विली भी मौके का फायदा उठाना चाहेंगे जिन्होंने विश्व कप खत्म होने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है. वहीं मार्क वुड, क्रिस वोक्स और स्पिनर आदिल राशिद को और अधिक जिम्मेदारी से गेंदबाजी करनी होगी. इस मैच में ओस की उम्मीद है तो टॉस की भूमिका महत्वपूर्ण होगी.