पटना. आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) के एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने साइबर अपराध से संबंधित शत-प्रतिशत कांडों को थानों में दर्ज किये जाने और इन मामलों की त्वरित जांच कर अधिकतम एक सप्ताह के अंदर उचित कार्रवाई किये जाने का निर्देश दिया है. राज्य के हॉट स्पॉट जिले पटना, गया, नालंदा, नवादा, जमुई एवं शेखपुरा के साइबर थानों के डीएसपी–सह–थानाध्यक्ष की समीक्षा बैठक हुई. इस बैठक में एडीजी इओयू ने कहा कि एफआइआर दर्ज किये जाने के साथ ही पीड़ित व्यक्ति की राशि को होल्ड कराने हेतु तत्काल संबंधित बैंक या वित्तीय कंपनी को इ-मेल की प्रक्रिया की जाये. अगर पैसा ट्रांसफर होने की बात पता चले तो जांचोपरांत उक्त बैंक अकाउंट का पार्शियल अमाउंट को होल्ड कराएं. समीक्षा बैठक में इओयू एसपी सुशील कुमार के साथ ही सभी सीनियर डीएसपी एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी मौजूद रहे.
प्रखंड स्तर पर जनसंवाद लगा दें साइबर सुरक्षा की जानकारी
इओयू एडीजी ने इन जिलों के साइबर थानों में अबतक दर्ज प्राथमिकी, गिरफ्तारी, बरामदगी, कांड का निष्पादन आदि बिंदुओं पर विस्तृत रूप से समीक्षा की. उन्होंने नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल से संबंधित दर्ज हो रहे शिकायतों के बारे में भी जानकारी लेते हुए इसकी कठिनाइयों व चुनौतियों पर भी चर्चा की. श्री खान ने साइबर अपराधों के रोकथाम हेतु आमजनों के बीच व्यापक रूप से साइबर जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया. प्रखंड स्तर पर चल रहे जनसंवाद के माध्यम से साइबर सुरक्षा से संंबंधित उपायों की जानकारी आम लोगों को दिये जाने का सुझाव दिया.
आपस में समन्वय बना कर रखें साइबर थाने
एडीजी इओयू ने कहा कि अगर साइबर अपराधी किसी दूसरे थाना क्षेत्र के अंतर्गत आते हों तो उन थानों में से आपसी समन्वय स्थापित कर अपराधी के विरुद्ध ठोस कार्रवाई करें. साथ ही साइबर थाने अपने जिले में साइबर अपराधों के हॉट–स्पॉट स्थानों को चिन्हित करते हुए उन पर व्यापक रूप से कार्रवाई करें. साइबर थानों में मानव बल की पर्याप्त उपलब्धता को लेकर प्रतिनियुक्ति पर विमर्श किया गया. पर्याप्त आधारभूत संरचना व आवश्यक तकनीकी उपकरणों को बढ़ाने हेतु आवश्यक कार्रवाई के निर्देश भी दिये. उन्होंने कहा कि साइबर अपराधियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई को कई थानों एक मिलकर एक साथ बड़े स्तर पर भी छापेमारी की जा सकती है.