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Ayodhya Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला का हुआ अक्षत पूजन, 23 जनवरी से आम श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन

Akshat Puja Ram Mandir: अक्षत के साथ ही पिसी हुई हल्दी और देसी घी भी मंगवाया गया. इसे विधि-विधान से चावल में मिलाया गया. चावल को रंगने के बाद इसे पीतल के कलश में रखा गया. फिर पूजा के दौरान भगवान राम के दरबार के सामने रखा गया.

Akshat Puja Ram Mandir: अयोध्या में भगवान रामलला की भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां तेज हो गई हैं. रविवार को श्रीराम जन्मभूमि के सुग्रीव किला परिसर में हल्दी से रंगे 100 क्विंटल अक्षत को रामलला को समर्पित किया गया. पूजित अक्षत कलश को देश के चुनिंदा 101 कार्यकर्ताओं ने मंत्रोच्चार के बीच ग्रहण किया और इसे लेकर अपने-अपने प्रांत के लिए रवाना हुए, जहां से जिले की टीम से मंडलों और ब्लॉकों से होता हुआ अक्षत गांव के मंदिरों तक पहुंचाया जाएगा. इसके साथ ही मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अनुष्ठान का श्रीगणेश हो गया. राम मंदिर में यह पहला अनुष्ठान है. अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आनंद उत्सव देश के पांच लाख मंदिरों में मनाया जाएगा. इस कार्यक्रम में ग्रामीणों को पवित्र अक्षत देकर आमंत्रित किया जाएगा. पूजित अक्षत के साथ एक निवेदन पत्रक भी देश के पांच लाख गांवों में भेजा गया है. इसके माध्यम से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट रामभक्तों से 22 जनवरी को सुबह 11 से 01 बजे के बीच अपने-अपने स्थानों पर अनुष्ठान करने व शाम को दीपोत्सव मनाने की अपील की गई है. पत्रक में भक्तों को राममंदिर की संरचना व सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी गई है. 23 जनवरी से आम जनता और श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए मंदिर खोल दिया जाएगा. एक दिन में 70 से 75 हजार श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे.

1 से 15 जनवरी के बीच टोली बनाकर घर-घर जाएंगे कार्यकर्ता

इस मौके पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में जब श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह हो रहा होगा, उसे समय देश के 5 लाख मंदिरों के चारों ओर अयोध्या जैसा ही आनंद उत्सव मनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे. प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश के 127 संप्रदाय के पूज्य आचार्य, 13 अखाड़े के प्रतिनिधि शामिल होंगे. रामलला के समक्ष पूजित अक्षत देश के सभी हिस्सों में लेकर कार्यकर्ता जाएंगे. 1 से 15 जनवरी 2024 के बीच कार्यकर्ता टोली बनाकर घर-घर जाएंगे और प्राण प्रतिष्ठा के दिन मोहल्ले के नजदीक मंदिर में एकत्र आने का निमंत्रण देंगे. अयोध्या के कार्यक्रम का प्रसारण दूरदर्शन पर होगा.

गांव, मोहल्ले में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हों शामिल

पत्रक में अपील की गई है कि 22 जनवरी के शुभ दिन प्रभु श्रीराम के बाल रूप नूतन विग्रह को, श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे नवीन मंदिर के भूतल के गर्भगृह में विराजित करके प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इस समय अयोध्या में अभूतपूर्व आनंद का वातावरण होगा. आप भी प्राण-प्रतिष्ठा के दिन सुबह 11 से 01 बजे के बीच अपने ग्राम, मोहल्ले, कॉलोनी में स्थित किसी मंदिर में आस-पड़ोस के रामभक्तों को एकत्रित करके भजन-कीर्तन करें, एलईडी स्क्रीन पर समारोह का लाइव दिखाएं. शंखध्वनि, घंटानाद, आरती कर प्रसाद वितरित करें. प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या आकर रामलला का सपरिवार दर्शन करने की भी अपील की गई है.

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ऐसे तैयार किया गया राम लला का प्रसाद

अक्षत के साथ ही पिसी हुई हल्दी और देसी घी भी मंगवाया गया. इसे विधि-विधान से चावल में मिलाया गया. चावल को रंगने के बाद इसे पीतल के कलश में रखा गया. फिर पूजा के दौरान भगवान राम के दरबार के सामने रखा गया. वहीं रविवार से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक भी शुरू हुई.

62 करोड़ भक्तों तक प्रसाद पहुंचाने की तैयारी

राम मंदिर में रविवार को 100 क्विंटल अक्षत पूजने के बाद 62 करोड़ भक्तों तक भगवान राम का ये प्रसाद पहुंचेगा. इसके लिए सभी राज्यों से विश्व हिंदू परिषद के प्रतिनिधि पहुंचे. पूजन के बाद अक्षत को विहिप कार्यकर्ता अपने अपने क्षेत्रों में लेकर पहुचेंगे. इसके लिए राज्यों की क्षेत्रीय भाषाओं में दो करोड़ से अधिक पर्चे भी छपवाए गए हैं. ​विहिप कार्यकर्ता रामलला के अक्षत के साथ देश के हर घर में ये पर्चा भेजेंगे. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि अक्षत किसी को निमंत्रित करने का एक साधन मात्र है.

15 दिसंबर तक पहुंचेगा रामलला का सिंहासन

श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के मुताबिक अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में रामलला संगमरमर के स्वर्ण जड़ित आठ फीट ऊंचे ‘सिंहासन’ पर विराजमान होंगे. राजस्थान के कारीगरों द्वारा तैयार किया जा रहा यह सिंहासन आगामी 15 दिसंबर तक अयोध्या पहुंच जाएगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि आठ फीट ऊंचे, तीन फीट लंबे और चार फीट चौड़े सिंहासन को राम मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा. इस पर पांच साल पुरानी रामलला की मूर्ति रखी जाएगी.

उन्होंने बताया कि भगवान राम के भक्तों ने भी बड़ी मात्रा में सोने और चांदी की वस्तुएं दान की हैं. ट्रस्ट के गठन से पहले और बाद में दान की गई ये सोने-चांदी की वस्तुएं, सिक्के और ईंटें पिघलाने का निर्णय किया गया है. इससे उन्हें सुरक्षित रखना आसासन होगा. ये कार्य एक प्रतिष्ठित संस्था के मार्गदर्शन में किया जाएगा.

रामलला के तीनों विग्रह जल्द होंगे तैयार

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि रामलला के तीनों विग्रह जल्द तैयार हो जाएंगे. इनमें से एक सबसे लुभावने विग्रह का चयन किया जाएगा. इसे राम मंदिर के गर्भ गृह में पीएम मोदी की उपस्थिति में स्थापित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि 51 इंच लंबे रामलला के ऊपर मुकुट और नीचे आसन का प्लेटफॉर्म बनेगा. इसकी लंबाई का आकलन रामलला का विग्रह बनने के बाद इंजिनियर आर्किटेक्ट और खगोलीय विज्ञानी की टीम पूरी तरह से नाप-जोख करने के बाद तय करेगी.

उन्होंने बताया कि रामनवमी के शुभ मुहूर्त में जब राम लला का जन्म होगा तो सूर्य की किरणें उनके ललाट पर पड़े, इसकी व्यवस्था इंजिनियरिंग टीम और खगोलीय विज्ञानी कर रहे हैं. इसमें बहुत बारीकी से रामलला की प्रतिमा के साथ इसकी ऊंचाई का एडजस्टमेंट करना होगा.

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