14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड के सबसे लंबे पुल के नामकरण का मुद्दा फिर गरमाया, अपनी मांग पर अड़ा माल पहड़िया समाज

तिलकामांझी जैसे वीर योद्धा ने अंग्रेज अधिकारी को मारकर आजादी का पहला बिगुल फूंका था. पहड़िया समाज ने झारखंड सरकार से मांग की है कि वीर सेनानी तिलका मांझी को सम्मान देना चाहिए.

दुमका : जरमुंडी प्रखंड के पाण्डेश्वरनाथ में माल पहाड़िया समाज की बैठक मुखिया राजेंद्र पुजहर की अध्यक्षता में हुई. श्री पुजहर ने समाज में शिक्षा, स्वास्थ्य और सांगठनिक मजबूती पर बल दिया. प्रमंडलीय अध्यक्ष दामोदर गृही ने कहा कि दुमका में नवनिर्मित झारखंड के सबसे लंबा पुल का नाम बाबा तिलका मांझी के नाम से रखा जाना चाहिए, क्योंकि संताल परगना की धरती पर पहाड़िया जाति आदिकाल से निवास करती आ रहा है. इसका प्रमाण चीनी यात्री हवेनसांग और फाह्यान की यात्रा वृतांत में मिलता है. अविभाजित बिहार के राजमहल के पहाड़ियों व मैदानी इलाकों में राजा हुआ करते थे. 1865 के पहले दुमका जिला का अस्तित्व नहीं था, जो वीरभूम और भागलपुर के अधीन था. प्रमंडल भागलपुर हुआ करता था.


वीर सेनानी थे तिलका मांझी

बाबा तिलका मांझी का अदम्य शौर्य और साहस का प्रमाण इस बात से पता चलता है कि अंग्रेजों की अनुमति के बिना लोग सांस लेने का भी जुर्रत नहीं करते थे. तिलकामांझी जैसे वीर योद्धा ने अंग्रेज अधिकारी को मारकर आजादी का पहला बिगुल फूंका था. ऐसे वीर काे झारखंड सरकार को सम्मान देना चाहिए. बैठक को बिनोद पुजहर, काशी पहाड़िया, हरेंद्र पुजहर, तारणी पुजहर, तिलकी देवी, जयंती देवी ने भी सँबोधित किया. बैठक में मनसू पुजहर, सूर्यनारायण पुजहर, मोहन पुजहर, रंजू देवी, हेमंती देवी, सरस्वती देवी सहित गेणुवांटांड़, रघुवाडीह, कुरूमटांड़, जीतजोरी, बरारी, बिराजपुर, फुलजोरी, दलोहरी आदि गांवों के लोग उपस्थित थे.

Also Read: Photos: दुमका में मयूराक्षी नदी पर झारखंड का सबसे लंबा पुल बनकर तैयार, सैलानियों को कर रहा आकर्षित

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें