कोलकाता, शिव कुमार राउत : दीपावली के दौरान विशेष कर गर्भवती महिलाओं को ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है. आतिशबाजी से उनकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. यह कहना है टेक्नो इंडिया दामा अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सुनीपा चटर्जी का. उन्होंने बताया कि गर्भावस्था के शुरुआती चरण में पटाखों की आवाज से गर्भवती महिला को मानिसक तनाव हो सकता है. विकासशील भ्रूण पर भी असर पड़ सकता है. तेज आवाज से गर्भवती महिला में तनाव वाले हार्मोन का स्तर बढ़ सकता है, जो अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ते भ्रूण को प्रभावित कर सकता है.
पटाखों से निकलने वाला धुआं शरीर के अंदर जाने से हानिकारक साबित हो सकता है. इसमें जहरीले रसायन और सूक्ष्म कण हो सकते हैं. ये प्रदूषक संभावित रूप से रक्तप्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं. पटाखों की आवाज और धुआं दोनों ही गर्भवती महिलाओं और उनके अजन्मे बच्चों के लिए संभावित जोखिम पैदा कर सकता हैं. इसलिए गर्भवती महिलाओं को अत्यधिक शोर और धुएं वाले प्रदूषण क्षेत्रों से बचना चाहिए. गौरतलब है कि सरकार की ओर से पाटाखों को लेक जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है ताकि लोग जागरुक हो कि पाटाखें हमारे जीवन के लिये हानिकारक है.
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दिशा आई हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक आई स्पेशलिस्ट डॉ अनन्या गांगुली का कहना है कि दीपावली के दौरान आतिशबाजी से आंखों की सेहत पर भी असर पड़ता है. इसलिए आंखों में कोई गर्म या जलन वाली चीज चली जाये, तो तुरंत साफ पानी से धो लेना चाहिए. यदि संभव हो, तो बर्फ से सिकाई भी कर सकते हैं. साथ ही जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से संपर्क करें.