वाराणसी. प्रसिद्ध लेखक मुंशी प्रेमचंद को समर्पित एक संग्रहालय उत्तर प्रदेश के वाराणसी में उनके पैतृक गांव लमही में बनाया जा रहा है.संग्रहालय उनके जीवन के क्षणों और उनकी किताबों के पात्रों को फिर से बनाने के लिए डिजिटल सहायता का उपयोग करेगा. प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने कहा कि सरकार ने प्रसिद्ध लेखक एवं सर्वोत्कृष्ट शिक्षक को समर्पित एक अत्याधुनिक संग्रहालय के विकास के लिए 10 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. राज्य सरकार ने प्रेमचंद के आवास को एक संग्रहालय में बदलने का प्रस्ताव रखा था. यूपी के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा: “ मुंशी प्रेमचंद एक प्रतिष्ठित लेखक थे जिन्होंने अपने काम में जीवन के विपरीत तत्वों को चित्रित किया. उन्होंने उस समय के सामाजिक सरोकारों के बारे में जागरूकता फैलाने और उन्हें संबोधित करने का रास्ता दिखाने के लिए लिखा. उनकी रचनाएँ अभी भी प्रासंगिक और लोकप्रिय हैं. इसलिए उनका संग्रहालय पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा.
अधिकारियों ने कहा कि लोग हर साल लमही आते हैं और उनके पाठक- प्रशंसकों के लिए पैतृक घर एक पवित्र स्थल है. संग्रहालय का विवरण साझा करते हुए, अधिकारियों ने कहा: “घर के पीछे हाल ही में एक इमारत का निर्माण किया गया है जिसका उपयोग आभासी संग्रहालय बनाने के लिए किया जाएगा. अन्य विशेषताओं के अलावा, इसमें प्रेमचंद की दुर्लभ तस्वीरें, उनकी कहानियों पर रेखाचित्र और पढ़ने के लिए किताबें भी प्रदर्शित की जाएंगी. संग्रहालय में गोबर, धनिया, होरी, दत्तादीन, राय साहब, भोला, मिस मालती, गोविंदी, आनंदी, मातादीन, झूरी और उसके दो बैल हीरा और मोती जैसे पात्रों की मूर्तियाँ होंगी.