Diwali Dhanteras 2023: पांच दिवसीय दीपाेत्सव आज से शुरू हो रहा है. पहले दिन यानी शुक्रवार को धनतेरस है. इस अवसर पर व्यापारिक प्रतिष्ठानों सहित अन्य जगहों पर मां लक्ष्मी की आराधना होगी. शुक्रवार को दिन के 11:47 बजे त्रयोदशी तिथि लग रही है. वहीं वृष लग्न शाम 5:30 से 7:27 बजे तक है, जिसे पूजा-अर्चना के लिए सर्वोत्तम माना गया है. त्रयोदशी तिथि 11 नवंबर को दोपहर 1:13 बजे तक है, जिसके बाद चतुर्दशी तिथि लग जायेगी. रांची के पंडित कौशल कुमार मिश्रा ने कहा कि 11 नवंबर को धन्वंतरि जयंती, नरक चतुर्दशी व महाशिवरात्रि का व्रत है. हालांकि इस बार अमावस्या तिथि दो दिन मिल रही है, जिस कारण दीपोत्सव पांच की जगह छह दिनों का है.
धनतेरस के शुभ मुहूर्त
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यह है शुभ : नयी सामग्री, झाड़ू और दीपावली से जुड़ी खरीदारी
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प्रदोष काल : शाम 5:10 से रात 9:40 बजे तक
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वृष लग्न : शाम 5:21 से 7:18 बजे तक.
(वृष लग्न में दीपावली की तरह श्रीलक्ष्मी-गणेश और कुबेर महाराज की पूजा-अर्चना करें. शाम में घर से बाहर दक्षिण मुख की और दीप जलाकर यमदेव की पूजा कर दीपक रख दें.)
11 नवंबर को धन्वंतरि जयंती
इस वर्ष धनतेरस के अगले दिन धन्वंतरि जयंती मनायी जा रही है. साथ ही नरक चतुर्दशी और हनुमान जयंती भी है. इस खास दिन पर मंदिर में दीपक जलायें. धन्वंतरि, हनुमान जी और भोलेबाबा की पूजा करें.
दीपावली 12 को, दोपहर 2:13 बजे से अमावस्या तिथि
12 नवंबर को दीपावली है. रविवार को दोपहर 2:13 बजे अमावस्या तिथि लग रही है, जो सोमवार दोपहर 2.41 बजे तक रहेगी. रविवार को प्रदोष काल में अमावस्या मिलने के कारण इस दिन दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा. वहीं सोमवार को स्नान दान और श्राद्ध की अमावस्या है.
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13 नवंबर : इस दिन सोमवारी अमावस्या है. स्त्रियां सौभाग्यवती रहने के लिए पीपल वृक्ष का परिक्रमा करें.
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14 नवंबर : अन्नकूट और गोवर्द्धन पूजा.
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15 नवंबर : चित्रगुप्त पूजा और भाई दूज.
शाम 5.23 से शुरू होगी पूजा
दीपावली के दिन शाम 5.23 बजे से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना शुरू हो जायेगी. इसी समय से वृष लग्न शुरू हो रहा है, जो पूजा के सबसे उपयुक्त लग्न में से एक है. वृष लग्न का मुहूर्त शाम 7:19 बजे तक है. स्थिर लग्न होने के कारण इसमें पूजा की प्रधानता दी जाती है. वहीं सिंह लग्न रात 12:12 से 2:26 बजे तक है. कुंभ भी स्थिर लग्न है, जो दोपहर 1:08 से 2:39 बजे तक है.
लक्ष्मी, गणेश और कुबेर की पूजा-अर्चना करें
दिवाली के दिन लक्ष्मी, गणेश और कुबेर की पूजा-अर्चना करें. साथ ही निशिथ काल में मां काली की पूजा करें. दिवाली के दिन प्रदोष व्यापिनी अमावस्या तिथि है. महानिशा काली पूजा का मुहूर्त रात 11:15 से 12:07 बजे तक है.
शुभ चौघड़िया पूजन मुहूर्त
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लाभ मुहूर्त : सुबह 8:47 से 10:10 बजे तक पूजन करें. यह दुकानदारों व विद्यार्थियों के लिए शुभ है.
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काल मुहूर्त : 10:10 से 11:30 बजे तक. यह समय शिक्षण संस्थानों और घरों में पूजा के लिए शुभ माना जाता है.
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शुभ मुहूर्त : 11:30 से 12:56 बजे तक. इस दौरान व्यापारिक संस्थान व वाहन मालिक पूजा-अर्चना करें.
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शुभ मुहूर्त : शाम 5:05 से 6:42 बजे तक, जो गृहस्थों के लिए लाभदायक है.
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अमृत : शाम 6:42 से 8:19 बजे तक, जिसे औषधि संस्थानों के लिए शुभ माना जाता है.
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चर : रात 8:19 से 9:15 तक. यह समय वाहन और कल कारखानों में पूजा के लिए उत्तम है.
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काल : यह मुहूर्त रात 1:23 से 2:10 बजे तक रहेगा. इस दौरान राजनेता और गद्दीदार पूजा करते हैं.
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अभिजीत मुहूर्त : दिन के 11:24 से 12:45 तक.
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प्रदोष काल : शाम 5:11 से 9:41 बजे तक.
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वृष लग्न : 5:30 से 7:27 बजे तक.
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सिंह लग्न : रात 12:12 से 2:26 तक.
दिवाली की देर रात 3:22 बजे तक स्वाति नक्षत्र है.
किस राशि के लोग क्या खरीदें
मेष : इस राशि का स्वामी मंगल ग्रह है, जिसका शुभ रंग लाल है. इस दिन लाल रंग की वस्तुएं खरीदें. साथ ही सोना और चांदी की खरीदारी शुभ है.
वृष : वृष राशि का स्वामी शुक्र है, जिसका शुभ रंग सफेद है. हल्का नीला रंग भी उत्तम है. इस राशि के लिए चांदी की वस्तुएं, हीरा जड़ित आभूषण और पीतल की सामग्री की खरीदारी उत्तम है.
मिथुन : इस राशि का स्वामी बुध है. इस राशि के लोगों के लिए हरा रंग शुभ है. धनतेरस पर कांसा, फूल का बर्तन और सोना खरीदना शुभ है.
कर्क : कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है. इस राशि के लिए सफेद रंग का सामान खरीदना शुभ है. चांदी की लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति और सोना शुभ है.
सिंह : इस राशि का स्वामी सूर्य है. गहरा लाल, संतरी, पीला और सुनहरा शुभ रंग है. इस राशि के लोगों के लिए सोना या पीले रंग का धातु अथवा तांबे का सामान खरीदना उत्तम है.
कन्या : कन्या राशि का स्वामी बुध है. हरे के साथ नीला रंग उत्तम है. कांसा, फूल व पीतल के बर्तन के साथ सोना की खरीदारी भी उत्तम है.
तुला : इस राशि का स्वामी शुक्र है. इसका शुभ रंग सफेद और हल्का पीला है. चांदी का आभूषण, बर्तन, हीरा और प्लेटिनम खरीदना चाहिए.
वृश्चिक : इस राशि का स्वामी मंगल है. इस राशि के लोगों के लिए लाल और मैरुन रंग शुभ है. इनके लिए तांबे का बर्तन, सोना और चांदी शुभ रहेगा.
धनु : इस राशि का स्वामी बृहस्पति है. पीले रंग की सामग्री की खरीदारी काे शुभ माना गया है. सोना और पीतल की सामग्री की खरीदारी की जा सकती है.
मकर : मकर राशि का स्वामी शनि है. काला या गहरे नीले रंग की सामग्री की खरीदारी को शुभ माना गया है. सोने का आभूषण अथवा पीला धातु, स्टील का बर्तन और वाहन की खरीदारी को उत्तम माना गया है.
कुंभ : इस राशि का स्वामी शनि है. इसलिए इस राशि का शुभ रंग भी काला व गहरा नीला है. इनके लिए वाहन, स्टील के बर्तन की खरीदारी उत्तम रहेगी.
मीन : मीन राशि के स्वामी बृहस्पति हैं. इस राशि के जातकों के लिए सोना व पीतल से संबंधित वस्तुएं, पीले रंग की सामग्री की खरीदारी शुभ है.