Lucknow News: अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों के बीच शुक्रवार को श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज ने राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. इस दौरान उन्हें 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के लिए आमंत्रित किया गया. सीएम योगी ने बेहद प्रसन्न भाव से स्वीकार किया. इस दौरान उन्होंने ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज से राम मंदिर के निर्माण कार्य और तैयारियों को लेकर चर्चा की. सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसके बाद सोशल साइट एक्स में अपने भाव व्यक्त करते हुए कहा कि आज जीवन धन्य हो गया है. मन आह्लादित है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सम्मानित पदाधिकारी स्वामी गोविन्ददेव गिरि जी महाराज, चंपत राय जी एवं राजेंद्र पंकज जी ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भगवान श्रीरामलला सरकार के नूतन बालरूप विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम हेतु मुझे आमंत्रित किया है. अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात कर उन्हें प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए आमंत्रित कर चुके हैं. प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण स्वीकार किया है. प्रधानमंत्री इस मौके को अपने लिए बेहद सौभाग्यशाली बताया है. अब सीएम योगी ने भी इसके लिए आभार व्यक्त किया है.
श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि हम आज 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के नूतन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निमंत्रण देने आए थे. अयोध्या मुक्ति और मोक्ष की नगरी है जो लंबे समय बाद अपने पुराने वैभवशाली स्वरुप को प्राप्त कर रही है. उन्होंने कहा कि अयोध्या को दीपोत्सव के रूप में एक प्रमुख पर्व भी मिल गया है. अयोध्या में भव्य श्रीराम का मंदिर करोड़ों लोगों की आस्था की पहचान है. उन्होंने कहा कि अयोध्या मुक्ति और मोक्ष की नगरी है और यहां के दर्शन मात्र से ही पुनर्जन्म तक से मुक्ति मिल जाती है.
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अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में रामलला संगमरमर के स्वर्ण जड़ित आठ फीट ऊंचे ‘सिंहासन’ पर विराजमान होंगे. श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के मुताबिक राजस्थान के कारीगरों द्वारा तैयार किया जा रहा यह सिंहासन आगामी 15 दिसंबर तक अयोध्या पहुंच जाएगा. आठ फीट ऊंचे, तीन फीट लंबे और चार फीट चौड़े सिंहासन को राम मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा. इस पर पांच साल पुरानी रामलला की मूर्ति रखी जाएगी. भगवान राम के भक्तों ने भी बड़ी मात्रा में सोने और चांदी की वस्तुएं दान की हैं. ट्रस्ट के गठन से पहले और बाद में दान की गई ये सोने-चांदी की वस्तुएं, सिक्के और ईंटें पिघलाने का निर्णय किया गया है. इससे उन्हें सुरक्षित रखना आसासन होगा. ये कार्य एक प्रतिष्ठित संस्था के मार्गदर्शन में किया जाएगा.
इसके साथ ही रामलला के तीनों विग्रह जल्द तैयार हो जाएंगे. इनमें से एक सबसे लुभावने विग्रह का चयन किया जाएगा. इसे राम मंदिर के गर्भ गृह में पीएम मोदी की उपस्थिति में स्थापित किया जाएगा. 51 इंच लंबे रामलला के ऊपर मुकुट और नीचे आसन का प्लेटफॉर्म बनेगा. इसकी लंबाई का आकलन रामलला का विग्रह बनने के बाद इंजिनियर आर्किटेक्ट और खगोलीय विज्ञानी की टीम पूरी तरह से नाप-जोख करने के बाद तय करेगी. रामनवमी के शुभ मुहूर्त में जब राम लला का जन्म होगा तो सूर्य की किरणें उनके ललाट पर पड़े, इसकी व्यवस्था इंजिनियरिंग टीम और खगोलीय विज्ञानी कर रहे हैं. इसमें बहुत बारीकी से रामलला की प्रतिमा के साथ इसकी ऊंचाई का एडजस्टमेंट करना होगा.