Air pollution in Delhi-NCR: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि दिल्ली में आज बारिश हो रही है, जिसकी वजह से प्रदूषण कुछ कम है. लेकिन क्या दिल्ली के लोग यह प्रार्थना करते रहेंगे कि आज बारिश हो जाए या फिर हवा चल जाए, ताकि उन्हें प्रदूषण से राहत मिले. बारिश के लिए ईश्वर का धन्यवाद, लेकिन सरकार को कोई शुक्रिया अदा नहीं की जानी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट के जज संजय किशन कौल ने उक्त टिप्पणी आज दिल्ली के वायु प्रदूषण पर सुनवाई के दौरान की. उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए कई समितियां और बोर्ड हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इनके कोई काम नजर नहीं आ रहे हैं. दिल्ली में कल रात से बारिश हो रही है, जिसकी वजह से AQI 100 तक पहुंच गया और लोगों को राहत मिली. लोधी गार्डन और कर्तव्य पथ पर आज लोग नजर आए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पराली जलाने पर अविलंब रोक लगनी चाहिए. लेकिन अभी तक ना तो दिल्ली सरकार और ना ही पंजाब सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई की है. कोर्ट ने कहा कि हमने यह सुझाव भी दिया कि आप जैसा चाहें वैसा काम करें, लेकिन अबतक पराली जलाने को लेकर कुछ नहीं किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पराली जलाने को लेकर इमरजेंसी उपाय किए जाने चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और पंजाब सरकार से पूछा कि पराली को समाप्त करने के लिए क्या उपाय कर रहे हैं, ताकि वायु प्रदूषण ना हो. कोर्ट ने कहा कि हम यह चाहते है कि पराली को जलने से रोका जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर कहा कि किसानों को अधिक जिम्मेदार बनना होगा, वे समाज का अहम हिस्सा हैं. हमें उनके प्रति संवेदनशील बनना होगा, लेकिन लोगों को मरने के लिए भी नहीं छोड़ा जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारें वायु प्रदूषण रोकने के लिए कोई कदम ना उठाएं और इसका बोझ अगर कोर्ट पर डालने की कोशिश करेंगी, तो यह नहीं चलेगा. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि उन्होंने वायु प्रदूषण पर उनके निर्देश के बाद आॅड-ईवेन योजना को किस हद तक लागू किया.
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