Share Market Closing Bell: भारतीय शेयर बाजार की शुरूआत ग्लोबल मार्केट से मिल रहे कमजोर संकेतों के बीच सुस्ती के साथ हुई. हालांकि, कारोबार के अंतिम घंटे में वाहन, आईटी और प्रौद्योगिकी कंपनियों के शेयरों में लिवाली से स्थानीय शेयर बाजारों में तेजी रही और बीएसई सेंसेक्स 72 अंक से अधिक लाभ में रहा. वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बावजूद घरेलू बाजार में तेजी आई. तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स कारोबार के दौरान काफी समय तक नुकसान में था. अंत में 72.48 अंक यानी 0.11 प्रतिशत की बढ़त के साथ 64,904.68 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 251.25 अंक तक लुढ़क गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 30.05 अंक यानी 0.15 प्रतिशत की बढ़त के साथ 19,425.35 अंक पर बंद हुआ. शुक्रवार को समाप्त संवत वर्ष 2079 के दौरान बीएसई सेंसेक्स 5,073.02 अंक यानी 8.47 फीसदी उछला, जबकि निफ्टी 1,694.6 अंक यानी 9.55 फीसदी चढ़ गया. इस दौरान बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 43.81 लाख करोड़ रुपये से अधिक बढ़कर 3,20,29,232.24 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स में हुआ 540.9 अंक का लाभ
साप्ताहिक आधार पर, बीएसई सेंसेक्स 540.9 अंक या 0.84 प्रतिशत लाभ में रहा जबकि निफ्टी 194.75 अंक यानी एक प्रतिशत मजबूत हुआ. सेंसेक्स शेयरों में एनटीपीसी, टेक महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फाइनेंस, आईटीसी, बजाज फिनसर्व, एक्सिस बैंक और पावर ग्रिड प्रमुख रूप से लाभ में रहे. दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाइटन और इंडसइंड बैंक शामिल हैं. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि मानक सूचकांकों पर वैश्विक बाजार का असर है क्योंकि अमेरिकी केंद्रीय बैंक को भरोसा नहीं है कि हेडलाइन (कुल) मुद्रास्फीति नियंत्रण में है और बांड प्रतिफल बढ़ रहा है. इन चिंताओं के बावजूद, बाजार ने मजबूत प्रतिरोध दिखाया है.इसका कारण यह अनुमान है कि अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति नरम होगी और 2023-24 की पहली के तिमाही के लिये जीडीपी वृद्धि को संशोधित कर ऊंचा किया जाएगा.
दिवाली के दिन होगा मुहुर्त कारोबार
बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.38 प्रतिशत चढ़ा और मिडकैप सूचकांक 0.33 प्रतिशत बढ़ा. एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे. यूरोप के प्रमुख बाजारों में कारोबार में गिरावट का रुख था. अमेरिकी बाजार भी बृहस्पतिवार को नुकसान में रहे थे. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 1,712.33 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. मेहता इक्विटी लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रशांत तपसे ने कहा कि एशिया और यूरोप के प्रमुख बाजारों में गिरावट के बावजूद चुनिंदा लिवाली से बाजार मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ. हालांकि विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार पूंजी निकासी चिंता का कारण बनी हुई है. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार एफआईआई ने बृहस्पतिवार को 1,712.33 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे. इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.94 प्रतिशत बढ़कर 80.76 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. शेयर बाजारों में 12 नवंबर को दीपावली के मौके पर एक घंटे का विशेष मुहुर्त कारोबार होगा. यह सांकेतिक कारोबार शाम 6.0 बजे से 7.15 तक होगा. इसमें 15 मिनट का ‘प्री-मार्केट’ सत्र शामिल है.
रुपया एक पैसे की हल्की तेजी के साथ 83.28 प्रति डॉलर पर लगभग अपरिवर्तित बंद
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया एक पैसे की तेजी के साथ 83.28 प्रति डॉलर पर बंद हुआ.विदेशों में डॉलर के कमजोर होने तथा घरेलू शेयर बाजार में मजबूती के रुख से रुपये को थोड़ा समर्थन मिला. बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी पूंजी निकासी जारी रहने तथा कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने रुपये पर दवाब बनाये रखा. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 83.28 पर खुला और दिन के कारोबार में 83.49 प्रति डॉलर तक लुढ़क गया और बाद में 83.28 के उच्चतम स्तर को भी छुआ.कारोबार के अंत में यह मात्र एक पैसे की तेजी के साथ 83.28 प्रति डॉलर पर बंद हुआ.पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 83.29 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. बाजार सूत्रों ने कहा कि औद्योगिक उत्पादन और मुद्रास्फीति के आंकड़ों से पहले निवेशक सतर्क थे. सूत्रों के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में से एक में दोपहर के समय कारोबार के दौरान खराबी आ गई, जिसके कारण निवेशक ‘सिस्टम’ में ‘लॉग इन’ नहीं कर पाए. एक सूत्र ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने प्लेटफॉर्म से ‘मूल कारण विश्लेषण’ करने और यह पता लगाने के लिए कहा है कि क्या यह सिस्टम की विफलता थी या मानवीय त्रुटि थी जिसके कारण प्लेटफॉर्म पर व्यवधान उत्पन्न हुआ. इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.02 प्रतिशत घटकर 105.89 रहा.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.